शिवसेना प्रमुख व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भावनात्मक अपील को दरकिनार करते हुए गुवाहाटी के फाइव स्टार होटल में पनाह लेने वाले बागी शिवसेना विधायकों ने गुरुवार को सर्वसम्मति से एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुन लिया। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने कहा था “वे (बीजेपी) एक राष्ट्रीय पार्टी हैं। उन्होंने मुझे कहा है कि मैंने जो निर्णय लिया है वह ऐतिहासिक है, और जब भी मुझे उनकी आवश्यकता होगी वे हमारा साथ देने के लिए मौजूद रहेंगे।”
लेकिन इस दावे के एक दिन बाद ही एकनाथ शिंदे अपने बयान से पलट गए और आज उन्होंने का कि कोई भी राष्ट्रीय पार्टी उनके संपर्क में नहीं है। मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी उनके खेमे का समर्थन कर रही है, शिंदे ने कहा, “जब मैंने कहा कि एक बड़ी शक्ति हमारा समर्थन कर रही है, तो मेरा मतलब बालासाहेब ठाकरे और दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे की शक्ति से था।”
यह पूछे जाने पर कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट कब खत्म होगा, उन्होंने कहा “कुछ समय बाद सारी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।“ उन्होंने आगे कहा, “शिवसेना के 55 विधायकों में से 40 मेरे साथ गुवाहाटी आए हैं। लोकतंत्र में बहुमत और संख्या मायने रखती है। इसलिए किसी को भी हमारे खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।“
उल्लेखनीय है कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सभी बीजेपी पर 30 महीने पुराने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को तोड़ने का आरोप लगा रहे है। सत्ता पक्ष के तमाम नेताओं ने एक सुर में बीजेपी पर शिवसेना में विद्रोह की साजिश रचने और लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि एमवीए ने साफ कहा है कि वें अंत तक इस बगावत के खिलाफ लड़ेंगे और विजयी होंगे।