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शिवसेना किसकी? चुनाव आयोग ने ठाकरे-शिंदे गुट से मांगा सबूत, संजय राउत बोले- इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा

locationमुंबईPublished: Jul 23, 2022 12:14:58 pm

Submitted by:

Dinesh Dubey

Maharashtra Politics News: शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने आज कहा कि यह तय करने के लिए सबूत जमा करना पड़े कि शिवसेना किसकी है, तो यह एक दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने कहा “शिवसेना में यह वक्त सिर्फ बागियों की वजह से आया है और महाराष्ट्र के 11 करोड़ लोग इसे खुली आंखों से देख रहे हैं।”

EC asks Uddhav, Shinde factions to prove majority support in Shiv Sena

शिवसेना को लेकर ठाकरे बनाम शिंदे की लड़ाई मामले में चुनाव आयोग ने मांगा सबूत

Maharashtra Political Crisis: चुनाव आयोग (Election Commission) ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) दोनों गुटों से शिवसेना (Shiv Sena) में बहुमत साबित करने के लिए दस्तावेजी साक्ष्य पेश करने के लिए कहा है। चुनाव आयोग के इस कदम के बाद शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता व सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने प्रतिक्रिया दी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, उद्धव ठाकरे खेमे को एकनाथ शिंदे गुट द्वारा उन्हें (ईसी) लिखे गए पत्र और शिंदे गुट को ठाकरे खेमे का पत्र भेजा गया है। दोनों समूहों को 8 अगस्त को दोपहर 1 बजे तक जवाब देने को कहा गया है। इसके बाद चुनाव आयोग शिवसेना के दोनों धड़ों के दावों और विवादों को लेकर सुनवाई करेगा।
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शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने आज कहा कि यह तय करने के लिए सबूत जमा करना पड़े कि शिवसेना किसकी है, तो यह एक दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने कहा “शिवसेना में यह वक्त सिर्फ बागियों की वजह से आया है और महाराष्ट्र के 11 करोड़ लोग इसे खुली आंखों से देख रहे हैं।”
संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी आरोप लगाया है कि बीजेपी इस शिंदे खेमे का इस्तेमाल शिवसेना को तोड़ने के लिए कर रही है। हालांकि उन्होंने इस बात पर अफसोस भी जताया है कि यह वक्त भी उसी पार्टी के बागियों की वजह से आया है जिसने उन्हें सब कुछ दिया था।
उन्होंने कहा “11 करोड़ लोग जानते हैं कि शिवसेना किसकी है। सीमा विवाद के लिए मारे गए 69 शहीद सेना से हैं, हजारों आंदोलन में शिवसैनिक शहीद हुए, जेल गए यह सबूत है… 1992 के दंगों में हजारों शिवसैनिकों पर मुकदमा चलाया गया, लोग मारे गए यह प्रमाण है। मराठी मानुस (आदमी) के खून में शिवसेना है… पार्टी से 10 से 20 लोगों का पैसे और डर से टूट जाने से शिवसेना किसकी साबित नहीं हो सकती।”
राउत ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये सभी रणनीतियां शिवसेना पार्टी के लोगों का इस्तेमाल करके बीजेपी बना रही हैं।

शिवसेना सांसद ने आगे कहा कि शिवसेना सिर्फ एक पार्टी नहीं बल्कि महाराष्ट्र की पहचान है। सिर्फ स्वार्थ और पार्टी को विभाजित करने के लिए राजनीति निचले स्तर पर चली गई है। राउत ने कहा है कि जिन्होंने इसकी अस्मिता पर सवाल उठाया है, पार्टी प्रमुख की पीठ में खंजर मारा है, उन बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।
हाल ही में दोनों गुटों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी पर अपना दावा पेश किया था। पहले शिवसेना विधायक फिर सांसद और अब पदाधिकारी एकनाथ शिंदे समूह में जुड़ रहे है। इससे शिंदे गुट का शिवसेना पार्टी पर दावा मजबूत होता जा रहा है। उधर, पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे शिवसेना को टूटने से बचाने में असफल नजर आ रहे है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है।
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