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फिर फंसे फडणवीस, पर्चा खारिज करने की मांग

locationमुंबईPublished: Oct 05, 2019 09:27:32 pm

Submitted by:

Arun lal Yadav

wrong affidavit: चुनाव आयोग Election Commission के पास जमा किया 2018 का हलफनामा, 2014 के हलफनामे में भी तीन मामलों का नहीं किया था खुलासा

फिर फंसे फडणवीस, पर्चा खारिज करने की मांग

फिर फंसे फडणवीस, पर्चा खारिज करने की मांग

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुंबई. पांच साल पहले चुनाव आयोग के पास जमा हलफनामे में कुछ मामलों की जानकारी छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का दंश झेल रहे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर फंसते नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को विधानसभा चुनाव का पर्चा दाखिल करने के समय गलत हलफनामा देने का मामला एक बार फिर सामने आया है। नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी आशीष देशमुख ने मुख्यमंत्री का एफिडेविट एक साल पुराना होने का दावा करते हुए उनका नामांकन रद्द करने की मांग की है। वकील सतीश उके ने क्षेत्रीय चुनाव अधिकारी से जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है। हालांकि क्षेत्रीय चुनाव अधिकारी ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताते हुए कार्रवाई से इंकार कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री फडणवीस नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी, भूपेंद्र यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील की मौजूदगी में उन्होंने पर्चा दाखिल किया था। उन्होंने नामांकन के समय जो हलफनामा चुनाव आयोग के पास जमा किया है, उसके नोटरी का लाइसेंस 2018 तक ही था। देशमुख ने जो फोटो उनके एफिडेविट का जारी किया है, उसमें नोटरी अधिकारी का स्टैंप और हस्ताक्षर पिछले साल का ही है।
सक्षम अधिकारी से करें शिकायत
कांग्रेस प्रत्याशी देशमुख और वकील सतीश उके ने फडणवीस के एफिडेविट पर आपत्ति जताई है। दोनों ने क्षेत्रीय चुनाव अधिकारी को पत्र लिख कर मामले की जांच करने और दोषी पाए जाने पर फडणवीस का नामांकन रद्द करने की मांग की है, जिसे चुनाव अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया है। क्षेत्रीय अधिकारी का कहना है कि उन्हें सक्षम अधिकारी के पास शिकायत करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
2014 के हलफनामे में तीन मामलों की जानकारी छिपाने के लिए फडणवीस सुप्रीम कोर्ट में पटखनी खा चुके हैं। शीर्ष अदालत ने फडणवीस से जुड़े तीनों मामलों की सुनवाई करने का आदेश निचली अदालत को दिया है। अब एक और मामला फडणवीस के सामने आ गया है।
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