रेड मिर्ची की मदद से होता था सारा काम
जानकरी के अनुसार, सीआईबी को गुप्त सूचना मिली थी कि उक्त ट्रैवल्स कम्पनी में शत्रुघ्न कई वर्षों से अवैध रूप से रेल टिकट बनाता है और हर यात्री से 200 से 300 रुपए का कमीशन लेता है। सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई। आरपीएफ की टीम भी हैरान रह गई जब पता चला कि शत्रुघ्न रेड मिर्ची नाम के साफ्टवेयर और मैक तत्काल नामक एंड्राइड एप की मदद से ट्रेनों में आरक्षित टिकटें बुक करता था। इन एप की मदद से बहुत तेजी से तत्काल टिकटें तक बुक कर ली जाती थीं।
आईआरसीटीसी की 212 नकली आईडी
आरपीएफ द्वारा शत्रुघ्न के लैपटाप और कम्प्यूटर से आईआरसीटीसी की 212 फेक आईडी का पता चला। सभी की जांच करने पर 65 ऐसी टिकटें मिलीं जिन पर यात्रा करनी बाकी थी। इनकी कुल कीमत 1,60,878 रुपए थी। सभी को तत्काल प्रभाव से रद्द करवा दिया गया। इसके अलावा इन आईडी से पिछले डेढ़ महीने में बुक की गई 860 टिकटों के बारे में पता चला जिनकी कुल कीमत 18,86,965 रुपये थी। वहीं, आरपीएफ को मिले एक रजिस्टर में लिखे हिसाब के अनुसार, शत्रुघ्न ने जुलाई 2016 से जुलाई 2018 तक कुल 1900 टिकटें बुक कीं जिनकी कुल कीमत 43,82,746 रुपये आंकी गई। इस प्रकार, प्राथमिक जांच में ही आरपीएफ को कुल 2825 आरक्षित टिकटें मिली जिनकी कुल कीमत 65,68,749 रुपये है। इसके अलावा 1 कम्प्यूटर, 2 लैपटाप, एक प्रिन्टर, 3 राउटर, मोबाइल समेत 1,30,300 रुपये भी जब्त किए गए।
17 मामलों में 20वीं गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि आरपीएफ नागपुर द्वारा टिकट दलालों के खिलाफ जारी कार्रवाई में कुल 17 मामलों में यह 20वीं गिरफ्तारी है। इनसे अभी तक कुल 76.78 लाख रुपये की टिकटें और अन्य सामान जब्त किया गया है। उक्त कार्रवाई सीनियर डीएससी ज्योतिकुमार सतीजा के मार्गदर्शन में एपीआई शिवराम सिंह, विजय पाटिल, दीपक वानखेडे, नीलकंठ गोरे, किशोर चौधरी, अश्विन पवार, अमित बारापात्रे तथा अजनी पुलिस ने की।