जैसलमेर. विश्व विख्यात मरु महोत्सव के दौरान जिले में आने वाले सैलानियों के साथ मधुर तथा सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाए, जिससे जैसलमेर की छवि पर्यटन मित्र के रुप में उभर सके। ऐसे में जिले में पर्यटन व्यवसाय में बढोतरी होगी तथा जिले की कला, संस्कृति एवं ऐतिहासिक धरोहर का देश-विदेश में प्रचार-प्रसार हो सकेगा। मरु महोत्सव की अब तक की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान जिला कलक्टर मातादीन शर्मा ने यह हिदायत दी। इस मौके पर जिला कलक्टर शर्मा ने बताया कि मरु महोत्सव सबकी सम्मिलित जिम्मेदारी है, इसलिए सभी विभाग आपसी सहयोग व समन्वय से कार्य करेंं और उन्हें सुपुर्द सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण करें। जिला कलक्टर ने अब तक की गई व्यवस्थाओं की बिन्दुवार समीक्षा की एवं बकाया कार्यो को कल तक हर हाल में पूर्ण करने की हिदायत दी। जिला कलक्टर ने सभी व्यवस्थाएॅं के सुचारु संचालन के लिए एक मॉनेटरिंग कमेटी बनाने के निर्देश देते हुए अतिरिक्त जिला कलक्टर को सम्पूर्ण आयोजन के लिए ओवरऑल इंचार्ज नियुक्त किया। जिला कलक्टर ने मरु महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाले सभी प्रतियोगिताओं के लिए निर्णायकों का समय पूर्व निर्धारण करने के निर्देश दिए।
मरु महोत्सव के कार्यक्रम
बैठक में उप निदेषक पर्यटक स्वागत केन्द्र भानुप्रताप ने बताया कि मरु महोत्सव 2017 का आगाज 8 फरवरी को गड़ीसर लेक से शोभायात्रा से होगा। शोभायात्रा शहीद पूनमसिंह स्टेडियम पहुंचेगी, जहां मरु महोत्सव का आगाज होगा। यहां पर प्रथम दिवस साफा बांध, मूमल-महिन्द्रा, मूंछ, मिस मूमल, मरुश्री प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा। इसी तरह 9 फरवरी के कार्यक्रम डेडानसर मैदान में होंगे। वहां पर ऊंट शृंगार, शान-ए-मरुधरा, रस्साकशी, पणिहारी मटका आदि प्रतिस्पर्धाएं होगी। इसके साथ ही सीमा सुरक्षा बल द्वारा केमल टेटू शो का आयोजन भी होगा। इसके साथ ही दूसरे दिवस को सांय शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा। मरु महोत्सव का समापन 10 फरवरी को सम के मखमली धोरो पर होगा। यहां पर रेतीले धोरों पर ऊंट दौड़ प्रतियोगिताएं, पतंग उड़ानबाजी शो होगा। इनके बाद सम के धोरों पर ही सायंकालीन लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं आतिशबाजी होगी।