scriptदादर में कम हुआ मौत का आंकड़ा | Figure of death by Local Train reduced in Dadar in Mumbai | Patrika News

दादर में कम हुआ मौत का आंकड़ा

locationमुंबईPublished: Apr 18, 2019 05:54:23 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

रंग लाई पत्रिका की मुहिम

रंग लाई पत्रिका की मुहिम

रंग लाई पत्रिका की मुहिम

मुंबई. पत्रिका की मुहिम ने रंग लाना शुरू कर दिया है। पत्रिका की मुहिम में शामिल डीआरएम ने दादर में मौतों की संख्या कम करने का भरोसा दिलाया था। साझा प्रयासों का परिणाम रहा कि मार्च में दादर में एक भी मौत नहीं हुई। पिछले वर्ष मार्च में में सायन से परेल के बीच 11 मौते हुईं, वहीं इस बार मार्च महीने में पांच मौतें हुईं, इनमें से दादर में एक भी मौत नहीं हुई। इसी तरह ठाणे से मुब्रा के बीच के 24 स्थानों पर रेलवे और वीजू डॉमनिक के साझा प्रयासों ने रंग लाया है। यहां भी पिछले 40 दिन से एक भी मौत नहीं हुई है। इससे रेलवे उत्साहित है। रेल सूत्रों की मानें तो मौतें रोकने को लेकर डीआरएम संजय कुमार जैन ने वीजू की रिपोर्ट और एडीआरएम आशुतोष गुप्ता के सुझावों पर अन्य स्थानों पर भी काम करने की तैयारी करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि पत्रिका ने रोज होने वाली मौतों के खिलाफ लंबी मुहिम चलाई। पत्रिका ने मुंबई लोकल से रोज 10 लोगों की मौत के मामले को लगतार खबर बनाया, इसके बाद रेल मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मौतें रोकने पर जोर दिया। बता दें कि हर वर्ष लोकल ट्रेन हादसों में लगभग तीन हजार से ज्यादा की मौत हो जाती है। सेंट्रल रेलवे के डीआरएम संजय कुमार जैन ने इन मौतों को जीरो करने की चुनौती अपने अधिकारियों के बीच रखी। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए एडीआरएम आशुतोष गुप्ता ने दादर के चार स्थानों पर मौतों को जीरो पर ले आने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए उन्होंने कुछ दीवार खड़ी की और एक गेट बंद किए, जिससे दादर में ट्रेस पासिंग बंद हुई और लोगों की जान बचने लगी।
आरपीएफ की कठोरता भी आई काम

पिछले वर्ष जनवरी में दादर में नौ मौतें हुईं, इस वर्ष 10 मौतें। पिछले वर्ष फरवरी में 10 मौतें हुईं इस वर्ष 10 लोगों की मौत हुई। इस तरह पिछले वर्ष जनवरी, फरवरी मार्च में दादर से परेल के बीच कुल 30 मौतें हुईं इस वर्ष 25 लोगों की मौत हुई। पांच मौतें कम हुईं। मौतें कम करने के लिए आरपीएफ ने भी कठोर कदम उठाए। आरपीएफ ने पटरी पार करने वाले लोगों के खिलाफ जोरदार मुहिम चलाई। पिछले वर्ष आरपीएफ ने जनवरी, फरवरी और मार्च महीने में 15 लोगों के खिलाफ धारा 147 के तहत कार्रवाई की। इस वर्ष इस अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में 10 गुना ज्यादा कार्रवाई करते हुए 150 लोगों पर मामला दर्ज किया गया। इसके साथ ही दादर आरपीएफ ने इस अवधि में आठ जनजागरण कार्यक्रम किए। दादर आरपीएफ के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सतीश मेनन का कहना है कि हमने पटरी पार करते हुए होने वाली मौतों को पूरी तरह से बंद करने का बीड़ा उठाया है।
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