विदित हो कि श्रमिक संघों ने मांग की है कि भूमि को म्हाडा को हस्तांतरित किया जाए और कलेक्टर के कब्जे में राजस्व और राज्य सरकार की भूमि का संग्रह करके निरीक्षण किया जाए। वहीं उदय सामंत ने बताया कि यह प्रस्ताव मुख्य सचिव के पास प्रस्ताव लंबित था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नाहूर, भांडुप और शिवड़ी में मिठागर और खार की जमीन में मिल श्रमिकों के लिए घरों के निर्माण पर निर्णय लंबित था। उदय सामंत ने जानकारी दी कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।
ठाणे जिले के नगरनिगम क्षेत्र में म्हाडा के माध्यम से इन घरों की लॉटरी को तरीके से वितरित किया जाएगा। इसके अलावा अमरनाथ, कल्याण और डोंबिवली क्षेत्र में कुछ सरकारी भूमि एमएमआरडीए के नियंत्रण में है और कृति समिति का आग्रह है कि मौजूदा मिल वर्कर्स एसोसिएशन की अधिनियम समिति के सदस्य दित्ता इसलकर ने कहा कि मिल श्रमिकों के मकानों के लिए भूमि को म्हाडा को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। 90 के दशक में मुंबई में कपड़ा उद्योग पर एक डरावना पड़ाव आ गया था। उन मिलों में काम करने वाले लगभग दो लाख श्रमिकों को कई दिनों तक रखड़ना पड़ा था। हालांकि कुछ को मकान आवंटित कर दिए गए हैं, जबकि अभी भी करीब 1 लाख 70 हजार मिल मजदूर घरों का इंतजार कर रहे हैं। वहीं सरकार कई वर्षों से लंबित मकानों के सवाल का समाधान करने को भी तैयार थी।