दो पनडुब्बियों पर चल रहा काम स्कॉर्पियन श्रेणी की बाकी दो पनडुब्बियों वागीर और वागशीर का निर्माण कार्य मझगांव डॉक में तेजी से चल रहा है। यह दोनों पनडुब्बियां भी जल्द ही समुद्र में परीक्षण के लिए नौसेना को मिलेंगी। कलावरी पनडुब्बी पिछले साल दिसंबर में नौसेना के बेड़े में शामिल की गई थी। बैलेस्टिक मिसाइल अटैक क्षमता से लैस आईएनएस अरिहंत भी नौसेना में शामिल हो चुकी है। अरिहंत की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके नौसेना में शामिल होने के बाद भारत पनडुब्बी से परमाणु हमला करने में सक्षम अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन जैसे देशों की पांत में खड़ा हो गया।
मेक इन इंडिया का कमाल आईएनएस वेला एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जिसका निर्माण मेक इन इंडिया के तहत मुंबई के मझगांव डॉक में किया गया है। यह ऐसे उपकरणों से लैस है, जिसके चलते रडार का चकमा देते हुए दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाना साध सकती है।
दुश्मन को चकमा देने में सक्षम स्टील्थ और इंडिपेंडेंट एयर प्रोपेल्शन सिस्टम से लैय वेला पनडुब्बी दुश्मन देश के रडार को चकमा देने में सक्षम है। जहां तक इसकी मारक क्षमता का सवाल है तो वेला टॉरपीडो के साथ ट्यूब लांच्ड एंटी-शिप मिसाइल से हमला करने में सक्षम है। यह ऐसी पनडुब्बी है, जो युद्ध के दौरान दुश्मन को निशाना बना कर वहां से निकल सकती है। साथ ही जरूरत पडऩे पर वेला जमीनी लक्ष्यों पर भी निशाना साध सकती है।