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रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करेगी वेला

locationमुंबईPublished: May 06, 2019 07:31:55 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

नौसेना को ताकतवर बनाने के लिए प्रोजेक्ट-75 के तहत बनाई गई यह चौथी पनडुब्बी, स्कॉर्पियन श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलावरी नौसेना बेड़े में शामिल, आखिरी दौर में चल रहा आईएनएस खंडेरी और करंज का परीक्षण

रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करेगी वेला

रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करेगी वेला

मुंबई

भारतीय नौसेना को ताकतक बनाने के लिए प्रोजेक्ट-75 के तहत बनाई गई चौथी पनडुब्बी आईएनएस-वेला परीक्षण के लिए सोमवार को समुद्र में उतारी गई। नौसेना के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल करने से पहले समुद्र की गहराई में वेला का कड़ा इम्तहान होगा। इस दौरान कई तरह के परीक्षण किए जाएंगे। खास यह कि वेला रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम है। वेला की असली ताकत इसकी तकनीकी क्षमता में छिपी है, जिसके माध्यम से पानी में ही नहीं जमीनी ठिकानों पर भी हमला किया जा सकता है। वेला की यह खूबी पकिस्तान और चीन को परेशान करने वाली है। उल्लेखनीय है कि वेला स्कॉर्पियन श्रेणी के तहत मुंबई के मझगांव डॉक में बनाई जा रही चौथी पनडुब्बी है। फ्रांस के नेवल ग्रुप के साथ मिल कर स्कॉर्पियन श्रेणी की छह पनडुब्बियां नौसेना को मिलेंगी। स्कॉर्पियन श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलावरी है, जो नौसेना बेड़े में शामिल हो चुकी है। आईएनएस खंडेरी और आईएनएस करंज परीक्षण के आखिरी दौर में हैं, जिन्हें जल्द ही नौसेना में शामिल किया जाएगा।
दो पनडुब्बियों पर चल रहा काम

स्कॉर्पियन श्रेणी की बाकी दो पनडुब्बियों वागीर और वागशीर का निर्माण कार्य मझगांव डॉक में तेजी से चल रहा है। यह दोनों पनडुब्बियां भी जल्द ही समुद्र में परीक्षण के लिए नौसेना को मिलेंगी। कलावरी पनडुब्बी पिछले साल दिसंबर में नौसेना के बेड़े में शामिल की गई थी। बैलेस्टिक मिसाइल अटैक क्षमता से लैस आईएनएस अरिहंत भी नौसेना में शामिल हो चुकी है। अरिहंत की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके नौसेना में शामिल होने के बाद भारत पनडुब्बी से परमाणु हमला करने में सक्षम अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन जैसे देशों की पांत में खड़ा हो गया।
मेक इन इंडिया का कमाल

आईएनएस वेला एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जिसका निर्माण मेक इन इंडिया के तहत मुंबई के मझगांव डॉक में किया गया है। यह ऐसे उपकरणों से लैस है, जिसके चलते रडार का चकमा देते हुए दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाना साध सकती है।
दुश्मन को चकमा देने में सक्षम

स्टील्थ और इंडिपेंडेंट एयर प्रोपेल्शन सिस्टम से लैय वेला पनडुब्बी दुश्मन देश के रडार को चकमा देने में सक्षम है। जहां तक इसकी मारक क्षमता का सवाल है तो वेला टॉरपीडो के साथ ट्यूब लांच्ड एंटी-शिप मिसाइल से हमला करने में सक्षम है। यह ऐसी पनडुब्बी है, जो युद्ध के दौरान दुश्मन को निशाना बना कर वहां से निकल सकती है। साथ ही जरूरत पडऩे पर वेला जमीनी लक्ष्यों पर भी निशाना साध सकती है।
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