एनसीपी महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार का हिस्सा है। इस मामले की जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एनआईए को सौंपी गई है। गुरुवार को राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि इसी के साथ मराठा आरक्षण के लिए हुए आंदोलनों में दर्ज 548 मामलों में से 460 और नाणार में रिफाइनरी प्रोजेक्ट के खिलाफ हुए आंदोलन में दर्ज 5 में से 3 मामले वापस लेने का ऐलान किया है। कांग्रेस के गटनेता शरद रणपिसे ने भीमा कोरेगांव केस की वर्तमान स्थिति पर सदन में सवाल उठाया था। इसका जवाब देते हुए गृहराज्य मंत्री देशमुख ने यह बातें कहीं। देशमुख ने यह भी कहा कि अलग-अलग आंदोलनों में दर्ज केस की समीक्षा जारी है। इस फैसले के बाद भाजपा को फिर एक बार सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। इससे पहले विधानसभा सत्र के पहले दिन भाजपा विधायकों ने किसानों की कर्जमाफी, महिला सुरक्षा और कई अन्य मुद्दों को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया था। 31 दिसंबर 2017 को यलगार परिषद सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन 1 जनवरी 2018 को पुणे जिले के भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के निकट हिंसा हुई थी। इसमें एक युवक की जान चली गई थी। साथ ही करोड़ों की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ था।