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9,660 गांवों की प्यास बुझा रहे 3,700 टैंकर

locationमुंबईPublished: Apr 03, 2019 09:34:00 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

बेहाल: सूखाग्रस्त इलाकों में गहराई पानी की समस्या, बढ़ती गर्मी के बीच सरकारी राहत कार्य नाकाफी

बेहाल: सूखाग्रस्त इलाकों में गहराई पानी की समस्या

बेहाल: सूखाग्रस्त इलाकों में गहराई पानी की समस्या

मुंबई. लोकसभा चुनाव को लेकर गरमाई सियासत के बीच महाराष्ट्र में गर्मी के मौसम ने भी अपना असली रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बढ़ी तपिश के बीच राज्य के सूखा प्रभावित इलाकों में पानी की मांग बढ़ गई है। खेती के लिए पानी लगभग खत्म हो चुका है। इंसानों के साथ ही मवेशियों के लिए पानी का इंतजाम बमुश्किल हो पा रहा है।
राज्य के सूखा प्रभावित 9,660 गांवों में पानी आपूर्ति के लिए 3,700 टैंकर लगाए गए हैं। सरकार कोशिश कर रही है कि सूखा प्रभावित इलाकों में पेयजल की कमी न हो। सभी को पानी मिल रहा है, ऐसा दावा भी सरकार की ओर से किया जा रहा है। मगर, विपक्षी दल राहत कार्य को नाकाफी बताते हुए सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
कम हुई थी बारिश

पिछले साल महाराष्ट्र के बड़े इलाके में औसत से कम बारिश हुई थी। इसे देखते हुए सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में 151 तालुका और 268 मंडलों को सूखाग्रस्त घोषित किया था। लोगों का दबाव बढ़ा तो दूसरे चरण में 931 गांवों और तीसरे चरण में 4518 से अधिक गांवों को सरकार ने सूखाग्रस्त घोषित किया। कुल मिला कर 9,600 से ज्यादा गांव सूखाग्रस्त हैं।
छात्रों की फीस माफ, बिजली बिल में छूट

सूखा प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए कई राहत उपाय घोषित किए गए हैं। कृषि ऋण का पुनगर्ठन किया गया है, साथ ही किसानों को बिजली बिल में 33.5 प्रतिशत की सब्सिडी दी गई है। छात्रों की न सिर्फ फीस माफ की गई है बल्कि एसटी बसों में उन्हें मुफ्त सफर की सुविधा भी प्रदान की गई है।
मवेशियों के लिए 782 शिविर

राज्य के अहमदनगर, सातारा, सांगली, सोलापुर, औरंगाबाद, परभणी, बीड, उस्मानाबाद और जालना में मवेशियों के लिए 782 शिविर बनाए गए हैं। इन शिविरों में 5.24 लाख से ज्यादा जानवर रखे गए हैं। बीड में सबसे अधिक 515 शिविर लगाए गए हैं।
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