नए सिरे से हो सकते हैं टेंडर पाटील ने कहा कि पानी के टैंकर की आवश्यकता बढऩे के साथ ही नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। चारा छावनी की संख्या को अब 3 हजार से 10 हजार तक किया जाएगा। जरुरत पड़ी तो सूखा प्रभावित क्षेत्रों में रेल से पानी पहुंचाया जाएगा। रेल टैंकर पानी लाने में सस्ता और कम खर्चीला होगा। पानी लाने के लिए दूर दराज इलाकों से पुराने टैंकर पद्धति से खर्च अधिक होने से सरकारी खजाने पर भी नुक्सान का बोझ पड़ेगा।
बालिका कुएं में गिरी मौत जल किल्लत की पहली बलि उत्तर महाराष्ट्र के धुलिया जिले मे गुरुवार शाम को हुई। यहां के मोरदड ताडा वस्ती पर कुएं से पानी लेने गई 13 साल की नंदीनी दत्त पवार की पैर फिसल कर कुएं मे गिरने से मौत हो गई। इस गांव में दो दिन में एक बार टैंकर से जल पहुंचाया जा रहा है। कुएं में पानी नहीं के बराबर है।