आदेश नहीं मानने पर दण्डात्मक कार्रवाई का आयुक्त ने दिया आदेश
मनपा ने शहर में तीन करोड़ के डब्बे वितरित किए
मीरा भायंदर में सूखा कचरा गीला कचरा को लेकर राजनीति गर्म
राकेश विश्वकर्मा मीरा भायंदर. सूखा कचरा और गीला कचरा अलग नहीं करनेवालों के खिलाफ मनपा दंडात्मक कार्रवाई करेगी साथ ही पानी सप्लाई बंद किया जाएगा। यह आदेश मीरा भायंदर मनपा आयुक्त ने जारी किया है, जिसके चलते अब कचरा को लेकर शहर में राजनीति गरमा गई है। सूखे और गीले कचरे को लेकर मनपा ने शहर में तीन करोड़ के डब्बे वितरित किए और नगरसेवकों को इस मामले में जागरूकता फैलाने की अपील की। इसके बावजूद कचरा निर्माणकर्ताओं ने दोनों कचरा में अंतर नहीं किया है। इसके फलस्वरूप कचरा उठाने वाले कर्मचारियों ने कचरा उठाने से इंकार कर दिया और शहर में जगह-जगह कचरा सड़कों पर दिखने लगा। इसे आवारा जानवरों ने और फैला दिया है। आलम यह है की बरसात के चलते कचरे से बदबू फ़ैल रही है, राहगीरों को तकलीफ उठानी पड़ रही है। मनपा ने भायंदर के उत्तन में घनकचरा प्रकल्प की शुरुआत की, जिस पर स्थानीय नागरिकों ने विरोध शुरू कर दिया। इस प्रकल्प की क्षमता 550 टन की है और मनपा के अनुसार यहां पर सूखे और गीले कचरे पर रासायनिक प्रक्रिया कर उससे खाद बनाई जाती है। इस काम को प्रभावी बनाने के लिए दोनों कचरो का वर्गीकरण जरूरी है। मनपा और जनप्रतिनिधियों ने सूखे और गीले कचरे को लेकर सही मायने में जागरूकता अभियान चलाया होता तो आज यह नौबत नहीं आती और शहर की जो रहवासी सोसायटियां इन नियमों का पालन कर रही है उनको पुरुस्कृत किया जाना चाहिए था, परंतु मनपा अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय नहीं होने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है साथ ही सफाई कर्मचारी परेशान हो रहे है। शहर में सूखे और गीले कचरे को लेकर राजनीति भी जोर पर है। जनप्रतिनिधि अब कचरा साफ करवाते समय फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर डाल कर खुद को जनता का हितैसी बताने में लगे हुए हैं।
वर्गीकरण अतिआवश्यक है बारिश की वजह से सूखे कचरा भी गीला हो रहा है। दोनों कचरों का वर्गीकरण अतिआवश्यक है नागरिकों को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और नष्ट होने वाला कचरा से परेशानी नहीं है, पर प्लास्टिक से मुक्ति पाने के लिए इसका वर्गीकरण जरूरी है। मनोज दूबे, मनपा प्रभाग अध्यक्ष