मदद दिलाकर ही दम नट्टू भाई हार्ट, किडनी, कैंसर जैसी घातक बीमारियों से जूझ रहे गरीबों के लिए फरिश्ते से कम नहीं हैं। हर रोज सुबह 10 बजे से देर रात तक मरीजों के लिए दरवाजे-दरवाजे भटकते हैं, जब इलाज की रकम पूरी हो जाती है घर चले आते हैं। सुबह जिसकी मदद का बीड़ा उठाते हैं, मदद दिलाकर ही दम लेते हंै।
कमला बेन ने संभाली घर की कमान पति को लोगों के दुख में दौड़ते-भागते देख कमला बेन ने घर की कमान संभाली। उन्होंने साडिय़ों में फॉल बीडिंग करना शुरू कर दिया। पति को लोगों की सेवा करते देख उनका हौंसला और बढ़ जाता है। वहीं, नट्टू भाई कहते हैं कि कमला ने हर कदम पर मेरा साथ दिया।
औरों का दुख देखा तो… करीब 22 साल पहले नट्टू भाई की नौकरी चली गई। घर में दो छोटे बच्चे और पत्नी मगर जिंदगी सड़क पर आने को तैयार। जब कुछ नहीं सूझा तो वे एक समाजसेवी संस्था के साथ जुड़ गए। वहां इन्होंने जब औरो को दुखी देखा तो अपना दुख भूल गए। पैसे की लाचारी में गरीब मरीजों को मरता देख इन्होंने लोगों की मदद का संकल्प लिया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद एक ट्रस्ट से जुड़कर लोगों की सेवा करने लगे।