मुंबई

गरीबों के इलाज को घर-घर चंदा जुटाते हैं नट्टू भाई

खुद गरीबखाने में रहकर लोगों का जीवन बचा रहे

मुंबईDec 27, 2018 / 07:38 pm

arun Kumar

House-to-house funding for poor treatment nattu bhai

25 हजार से ज्यादा जरूरतमंदों की कर चुके हैं मदद
अरुण लाल . मुंबई.
मुंबई में मुलुंड के गरीबखाने में किराए पर रहने वाले नट्टू भाई पारेख 25 हजार से ज्यादा गरीबों के इलाज में मदद कर चुके हैं। उनके पास जो भी गया उसे गले लगाकर मदद को निकल पड़ते हैं। गरीब-लाचारों को वे मुंबई के ट्रस्टों, सरकारी व निजी संस्थानों या फिर घर-घर चंदा जुटाकर मदद करते हैं। वे पिछले 20 वर्षों से लोगों की मदद कर रह हैं। पूरे दिन लोगों की मदद के लिए दौड़ते रहते हैं। मरीजों का चाय-पानी तक उन्हें ***** है। नट्टू भाई के नि:स्वार्थ सेवाभाव करे देखकर श्री साईं सिद्ध चेरिटेबल ट्रस्ट ने स्वेछा से उन्हें अपना ट्रस्टी बनाया है। इसी तरह वे जय अंबेधाम ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं। नट्टू भाई कहते हैं कि मेरे पास कभी इतने पैसे नहीं रहे कि मैं किसी को कुछ दे सकूं। बस लोगों के लिए थोड़ा-सा प्रयास और प्रार्थना करता हूं और ईश्वर सुन लेता है।
मदद दिलाकर ही दम

नट्टू भाई हार्ट, किडनी, कैंसर जैसी घातक बीमारियों से जूझ रहे गरीबों के लिए फरिश्ते से कम नहीं हैं। हर रोज सुबह 10 बजे से देर रात तक मरीजों के लिए दरवाजे-दरवाजे भटकते हैं, जब इलाज की रकम पूरी हो जाती है घर चले आते हैं। सुबह जिसकी मदद का बीड़ा उठाते हैं, मदद दिलाकर ही दम लेते हंै।

कमला बेन ने संभाली घर की कमान

पति को लोगों के दुख में दौड़ते-भागते देख कमला बेन ने घर की कमान संभाली। उन्होंने साडिय़ों में फॉल बीडिंग करना शुरू कर दिया। पति को लोगों की सेवा करते देख उनका हौंसला और बढ़ जाता है। वहीं, नट्टू भाई कहते हैं कि कमला ने हर कदम पर मेरा साथ दिया।
औरों का दुख देखा तो…

करीब 22 साल पहले नट्टू भाई की नौकरी चली गई। घर में दो छोटे बच्चे और पत्नी मगर जिंदगी सड़क पर आने को तैयार। जब कुछ नहीं सूझा तो वे एक समाजसेवी संस्था के साथ जुड़ गए। वहां इन्होंने जब औरो को दुखी देखा तो अपना दुख भूल गए। पैसे की लाचारी में गरीब मरीजों को मरता देख इन्होंने लोगों की मदद का संकल्प लिया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद एक ट्रस्ट से जुड़कर लोगों की सेवा करने लगे।

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