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Mumbai Mass Transportation : इलेक्ट्रिक बसों ने नहीं दिया झटका, भर दी झोली, जाने कैसे

locationमुंबईPublished: Jan 22, 2020 11:39:45 pm

Submitted by:

Binod Pandey

:-घाटे में चल रही नवी मुंबई परिवहन विभाग में इलेक्ट्रिक बसों से महीने में हुआ 45 लाख का मुनाफा
:-एनएमएमटी के खाते में शामिल इलेक्ट्रिक बसों से बढ़ गई कमाई
:-नुकसान की भरपाई करने के लिए 100 अतिरिक्त बसों की मांग

Mumbai Mass Transportation : इलेक्ट्रिक बसों ने नहीं दिया झटका, भर दी झोली, जाने कैसे

Mumbai Mass Transportation : इलेक्ट्रिक बसों ने नहीं दिया झटका, भर दी झोली, जाने कैसे

नवी मुंबई. सालों से घाटे में चल रही नवी मुंबई मनपा परिवहन विभाग के बेड़े में शामिल 30 इलेक्ट्रिक बसों से उम्मीद की नई किरण दिखने लगी है। वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बस का किराया सामान्य बसों की तरह है, इसलिए प्रवासी इन बसों को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं महिलाओं के लिए शुरू की गई तेजस्वनी बस से आवक में विशेष फर्क नहीं आया है।

केन्द्र सरकार की फेम 1 योजना के तहत 60 प्रतिशत अनुदान पर नवी मुंबई परिवहन विभाग के खाते में कुल 30 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया है, पहले चरण के लिए सिर्फ 9 रुपए टिकट का शुल्क लिया जा रहा है। यानी साधारण बस का किराया ही यात्रियों से अभी लिया जा रहा है। मार्ग क्रमांक-9 वाशी रेलवे स्टेशन से घनसोली घरौंदा तथा मार्ग क्रमांक-20 घनसोली से नेरुल, मार्ग क्रमांक- 121 घनसोली से ताड़देव, रूट क्रमांक-105 बेलापुर बस डिपो से बांद्रा रेल्वे स्टेशन तक इस तरह से 30 इलेक्ट्रिक बसे इन मार्गों पर दौड़ रही हैं। इसमे मार्ग क्रमांक-9 एवं 105 की ओर चलने वाली बसों को प्रवासी ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं।

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Mumbai Mass Transportation : इलेक्ट्रिक बसों ने नहीं दिया झटका, भर दी झोली, जाने कैसे
इलेक्ट्रिक बसें पांच रुपए किमी
एक इलेक्ट्रिक बस आमतौर पर दिन में 184 किलोमीटर का सफर तय करती है और इस तरह से महीने में पांच हजार किलोमीटर की दौड़ लगाती है। इस प्रत्येक बस का खर्च 5 रुपए प्रति किलोमीटर है, जबकि डीजल पर चलने वाली साधारण बस का खर्च प्रति किलोमीटर 23 रुपए एवं वातानुकूलित बस का खर्च लगभग 36 रुपए तक आता है। डीजल वातानुकूलित बसों से अगर इलेक्ट्रिक वातानुकूलित बस की तुलना किया जाए तो इन दोनों के बीच काफी अंतर है, वातानुकूलित ही नही बल्कि साधारण बसों से भी तुलना की जाए तो साधारण बस के मुुुताबिक इलेक्ट्रिक बस से अधिक लाभ है, क्योंकि एक इलेक्ट्रिक बस से महीने में एक लाख 50 हजार रुपए फायदा हुआ है, इस तरह से कुल 30 इलेक्ट्रिक बसों से महीने में 45 लाख रुपए का परिवहन विभाग को मुनाफा हुआ है।

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सौ इलेक्ट्रिक बस की मांग
इलेक्ट्रिक बसों से एक महीने में अच्छी आय होने के बाद परिवहन विभाग ने और 100 इलेक्ट्रिक बसों की मांग की है। इसलिए फेम-2 के अंतर्गत 100 विद्युत बसों को नवी मुंबई परिवहन विभाग में शामिल किया गया तो परिवहन विभाग को प्रतिमाह हो रहे साढ़े पांच करोड़ के नुकसान की भरपाई करने में काफी मदद मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इलेक्ट्रिक बस से कई फायदे हैं, पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक बसों के कारण प्रदूषण से निजात मिल रहा है, तथा ईंधन की बचत भी हो रहा है। वातानुकूलित ‘वॉल्वो’ बस की लागत करीब 36 रुपए प्रति किलोमीटर और इलेक्ट्रिक बस की लागत सिर्फ 5 रुपए है, इसलिए प्रति किलोमीटर के पिछे 30 रुपए के आसपास बचत हो रही है। परिवहन व्यवस्थापक शिरीष आरदवाड ने बताया कि छह माह बाद धीरे-धीरे करके 100 इलेक्ट्रिक बसों के परिवहन विभाग में शामिल होने की उम्मीद है।
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