गौरतलब है कि एलटीटी के मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया कि शनिवार और रविवार को तिजोरी में जमा की गई 44 लाख रुपए की नकदी चोरी हो गई। इसके बाद कुर्ला जीआरपी और आरपीएफ ने प्राथमिकी दर्ज कराई। एलटीटी में तीन शिफ्ट में तीन कैशियर काम करते हैं, जिनमें से समीर ताराबादकर और विनोद पिल्लई को जीआरपी ने गिरफ्तार किया है। तीसरे कैशियर की तलाश जारी है।
28 सितंबर तक रिमांड
सेंट्रल रेलवे के एलटीटी की तिजोरी से 44 लाख रुपए उड़ाने वाले आरोपियों के खिलाफ जीआरपी ने धारा 454, 457 और 380 के तहत मामला दर्ज किया है। दोनों को रेलवे अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 28 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
दिन में पिल्लई की ड्यूटी
मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक (सीबीएस) सुनील तेलतुम्बडे की शिकायत में बताया गया है कि 22 सितंबर को एलटीटी के कैशियर विनोद पिल्लई की ड्यूटी सुबह 8 से शाम 4 बजे के बीच थी, जिनसे यह चार्ज कैशियर समीर तारबादकर ने शाम 4 बजे से आधी रात के बीच लिया था।
समीर के पास थी चाबी
कैशियर की जिम्मेदारी तिजोरी में नकदी को सुरक्षित रखने की थी। तिजोरी की चाबियां ताराबादकर के पास थीं। तेलतुम्बडे ने बताया कि तिजोरी से नकदी गायब होने की जानकारी उन्हें बुकिंग क्लर्क जम्मन मीणा ने मोबाइल फोन पर दी।
आरपीएफ भी करेगी पूछताछ
आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जीआरपी की हिरासत खत्म होने के बाद आरपीएफ भी पूछताछ के लिए आरोपियों को हिरासत में लेगी। सेंट्रल रेलवे ने अपने सभी कैश रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए हैं।