लक्ष्य से पीछे
5जी सेवा के मद्देनजर देश भर में फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार प्राथमिकता आधार पर यह काम कर रही है। बावजूद इसके राज्यवार आंकड़े बताते हैं कि हम लक्ष्य से पीछे हैं। जरूरी 70 प्रतिशत के मुकाबले आधे मोबाइल टॉवर्स भी ओएफसी लैस नहीं हो पाए हैं। जानकारों के मुताबिक चुनिंदा शहरों में यह सेवा भले शुरू की जा सकती है। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में इसे पहुंचने में वक्त लगेगा।
नौ राज्यों में एक लाख से ज्यादा टॉवर
देश में नौ ऐसे राज्य हैं, जिनमें से प्रत्येक में एक लाख से ज्यादा मोबाइल टॉवर हैं। सबसे ज्यादा टॉवर उत्तर प्रदेश में हैं। यूपी और बिहार में 30 प्रतिशत तो कर्नाटक 35 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। गुजरात में लगभग 36 प्रतिशत जबकि तमिलनाडु में 39 फीसद टॉवर ओएफसी कनेक्ट किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के राज्यों में एक चौथाई टॉवर ही जरूरी सुविधा से लैस किए गए हैं।
केबल बिछाने में दिक्कतें
जानकारों के मुताबिक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहमति के बावजूद स्थानीय प्रशासन (लोकल बॉडीज) से परमिशन लेनी पड़ती है। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग शुल्क लिए जाते हैं।
...तो लद जाएंगे स्मार्टफोन smart fone के दिन
भारत में 5जी सेवा का इंतजार हो रहा तो दुनिया के कई देश ६जी की तैयारी कर रहे हैं। चीन, अमरीका, जापान इस दिशा में काम कर रहे हैं। दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क Elon Musk की कंपनी भी इस दौड़ में शामिल है। नोकिया Nokia के सीईओ पेक्का लूंमर्क ने हाल ही में कहा कि 6जी सेवा आने बाद स्मार्टफोन के दिन लद जाएंगे। फोन और साधारण मोबाइल की तरह इन्हें भी कोई नहीं पूछेगा। 2030 तक 6जी के कमर्शियल परिचालन कीउम्मीद है।
राज्यवार आप्टिकल फाइबर की स्थिति
प्रदेश कुल टॉवर जोड़े गए प्रतिशत
उत्तर प्रदेश 2,89,326 89,058 30.8
कर्नाटक 1,47,420 52,084 35.3
गुजरात 1,40,066 50,,177 35.8
तमिलनाडु 1,58,631 62,624 39.4
महाराष्ट्र 2,40,951 82,513 34.2
राष्ट्रीय 23,768 7,93,551 34.4