कोरोना जैसी महामारी से भुखमरी की कगार पर पहुंचे मजदूर, कामगार, छोटे-मोटे ब्यापारी एवं सड़को पर भीख मांगकर गुजर-बसर करने वाले लोगों के साथ अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहे परप्रांतीय शामिल हैं, नौकरी-धंधा बंद होने के बाद भुखमरी की कगार पर पहुंचे हजारों की संख्या लोगों ने अपने मूलगांव की ओर पलायन कर रहे हैं। लेकिन पलायन कर रहे सैकड़ों लोगों को पकड़कर वाशी स्थित सिडको एक्जीविशन सेंटर में रख दिया गया है, ऐसे समय में उनकी मदद के लिए डीवॉइस एसएसवी ब्रॉडबैंड के चेयरमैन भूपेश गुप्ता आगे आकर उनके खाने पीने की पूरी जिम्मेदारी उठा ली है। इस तरह से कुल 232 लोगों को प्रतिदिन सुबह नाश्ता, दोपहर और शाम का भोजन की ब्यवस्था की गई है। उनके इस कार्य की सराहना की जा रही है। इसी तरह से नवी मुंबई एज्युकेशनल एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के एडवोकेट रमेश त्रिपाठी की तरफ से जरूरतमंदो को राशनिंग सामग्री एवं शब्जी की ब्यवस्था किया जा रहा है, इसके अलावा श्री गणेश वैष्णवी सेवाभावी संस्था की तरफ से राशनिंग सामग्री, पहचान फाउंडेशन की अफसाना शेख ने गरीब छात्रों के परिजनों को राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रही हैं। नवी मुंबई नागरिक सेवा संस्था से जुड़े लोगों द्वारा वाशी एवं कोपर खैरने में जरुरतमंद लोगों को खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की जा रही है, उत्तर भारतीय विकास मंच के अध्यक्ष प्रमोद सिंह की तरफ से गरीब मजदूरों को राशन वितरित, एवं नवी मुंबई में फंसे मध्य प्रदेश के 74 लोगों की जिम्मेदारी रजनीश गौतम संभाल रहे हैं। नेरुल में रहने वाले गरीबों को ब्रिटानिया ब्रेड लल्लन पाल के द्वारा वितरित किया जा रहा है। कोपर खैरने स्थित स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले गरीब मजदूरों को डॉक्टर चौबे की तरफ से राशन की ब्यवस्था की जा रही है। इस तरह से इस विपदा की घड़ी में मददगारों ने खुलकर सामने आकर मानवता का परिचय दिया है। लेेेकिन इस संकट की घड़ी में सबसे सराहनीय और मानवता का परिचय पुलिसकर्मियों ने दिखाई है।