आपके जीवन का सबसे कठिन समय क्या था? कठिन समय तो नहीं कहूंगा क्योंकि ये पल ही हैं, जिन्होंने हमें बनाया है। पर कठिन दिनों की बात करें तो मैं कहूंगा कि जब मैंने सोचा कि पत्रकारिता छोड़कर गीतकार बनूंगा। कशमकश के दो कठिन वर्ष बहुत ही कठिन बीते। दिल कहता दिल कहता था मुंबई पहुंचो और दिमाग पत्रकारिता छोडऩे की इजाजत नहीं दे रहा था। पर मैं जानता था कि दो नाव पर सवारी संभव नहीं है। फिर निकला मुंबई के लिए। निकलने की यह प्रक्रिया बहुत कठिन था।
हार जीत के बारे में क्या सोचते हैं आप? मेरे लिए जीवन एक सुंदर गीत है, मैं हर चीज को स्वीकार करने में यकीन रखता हूं। सच कहूं तो मैं कभी नहीं सोचता कि मैं हार रहा हूं, या जीत रहा हूं। मैं हमेशा सोचता हूं कि मैं सीख रहा हूं। मैं समझता हूं कि जीवन में हार जीत से ज्यादा जरूरी है। अगर हम सिर्फ जीतते ही रहें तो हम कुछ सीख नहीं पाएंगे। जब कभी भी मैं हारा हूं तब मैं और बेहतर इंसान बना हूं।
जब निराश होते हैं तो क्या करते हैं? जब मैं निराश होता हूं तो कुछ नहीं करता। सच कहूं तो मैं अंधेरे से डरता नहीं बल्कि और अंधेरे में चला जाता हूं। क्योंकि मुझे पता है, इसके बाद बेहतरीन सुबह होगी और मैं अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ जाऊंगा।
गीत लिखने के लिए क्या करते हैं? मेरे लिए गीत लिखना कभी कठिन नहीं रहा। मैं बहुत प्यार से गीत लिख लेता हूं। सबसे पहले मैं किरदार के पास जाता हूं, उसके साथ जीता हूं। जब मैं और किरदार एक दूसरे में घुल जाते हैं तो खुद-ब-खुद गीत बन जाता है।
सफलता का मंत्र आपके लिए क्या है? मेरे हिसाब से दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं। एक कहते हैं, यह काम नामुमकिन है, और काम को नहीं करते। दूसरे तरह के लोग कहते हैं यह काम हो जाएगा, पर वे कभी उसे करते नहीं, मैं तीसरे तरह का इंसान हूं। मैं सोचता हूं कि यह काम नामुमकिन है, नहीं हो पाएगा, पर मैं मेहनत करूंगा। इतनी मेहनत कि यह नामुमकिन मुमकिन में बदल जाए।
लोगों को क्या राय देंगे ? मैं क्या राय दूं, पर अगर मुझसे पूछे कि आप जीवन में क्या अमल में लाते हो तो मैं कहूंगा कि कभी मत सोचो कि लोग क्या सोचेंगे। जब आप दूसरों की बातों पर ध्यान देते हो तो लोग अक्सर आपको डरा देते हैं।