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IIT Bombay करेगा छात्रों की आपत्ति का समाधान

locationमुंबईPublished: Jul 21, 2019 08:02:13 pm

Submitted by:

Rohit Tiwari

अभिभावकों के हलफनामे पर होगा विचार
सीईटी सेल के आयुक्त ने दी जानकारी

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IIT Bombay करेगा छात्रों की आपत्ति का समाधान

– रोहित के. तिवारी
मुंबई. राज्य सीईटी सेल ने घोषित प्रणाली में सामान्यीकरण प्रक्रिया का उपयोग करते हुए परसेंटेज पद्धति का उपयोग करके परिणामों की घोषणा की। उसके बाद कई छात्रों और अभिभावकों ने इस पर आपत्ति जताई थी। इस बीच सीईटी ने उन छात्रों से अपील की है, जिन्होंने हलफनामा दाखिल करके सामान्यीकरण प्रक्रिया के बारे में आपत्ति की है। सीईटी सेल के आयुक्त आनंद रायते की ओर से जारी एक परिपत्र के अनुसार, छात्रों की आपत्तियों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के दो अतिरिक्त सदस्यों और मूल विशेषज्ञ समिति को प्रस्तुत किया जाएगा और उनके निर्णय की सूचना संबंधित छात्रों-अभिभावकों और उच्च न्यायालय को दी जाएगी।

शंका के समाधान का आदेश
इस वर्ष सीईटी की ओर से आयोजित ऑनलाइन प्रक्रिया में छात्रों के अंकों या उनके प्रतिशत का उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए जेईई, निष्पक्ष परीक्षा के परिणाम केवल प्रतिशत से घोषित किए जाते हैं। 2019 सीईटी ऑनलाइन परीक्षा पर सांख्यिकीय विशेषज्ञ समिति सीईटी सेल द्वारा सामान्यीकरण फॉर्मूला निर्धारित करने, प्रक्रिया तय करने और परिणाम तय करने के लिए बनाई गई थी। इसलिए छात्रों को प्राप्त अंकों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है। परिणाम घोषित होने के बाद कई छात्रों और अभिभावकों ने ईमेल और एप्लिकेशन लिखकर सीईटी सेल को अपनी आपत्ति दर्ज कराई। छात्रों को भ्रम था कि उन्हें कितने अंक दिए गए, उन्हें कितना मिला, संबंधित प्रक्रिया को कैसे लागू किया गया। कई छात्रों ने इस मामले पर आपत्ति जताई। उन्होंने उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर की, जिस पर हाईकोर्ट ने सीईटी सेल का पक्ष में फैसला सुनाया और विद्यार्थियों की शंका का समाधान करने का आदेश दिया।

रैंक को लेकर छात्र-अभिभावक अनभिज्ञ
एमएचटी-सीईटी के परिणाम परसेंटेज तरीके से घोषित किये जायें हैं, जिसके चलते छात्रों, अभिभावकों को समग्र स्कोर या रैंक के बारे में कोई पता नहीं होता। इसलिए, माता-पिता सोचते हैं कि छात्रों को 90-95 प्रतिशत के बीच एक अच्छा इंजीनियरिंग कॉलेज मिलेगा, जबकि यह वास्तविकता नहीं है। हकीकत में 99.65 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्रों की संख्या एक हजार है। इसलिए शिक्षण विभाग का मानना है कि 100-99.65 प्रतिशत वाले विद्यार्थियों को मुंबई-पुणे के नामचीन महाविद्यालय में प्रवेश मिलेगा, जबकि शेष छात्रों को अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा।
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