scriptडी-कंपनी के इशारे पर हुए अवैध निर्माण | Illegal construction at the behest of D-Company | Patrika News

डी-कंपनी के इशारे पर हुए अवैध निर्माण

locationमुंबईPublished: Jul 18, 2019 01:59:23 pm

Submitted by:

Rohit Tiwari

म्हाडा मुंबई अध्यक्ष मधु चव्हाण का खुलासा
दक्षिण मुंबई में बड़ी संख्या में हैं अवैध इमारतें
सभी को मिल रहा पानी-बिजली

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डी-कंपनी के इशारे पर हुए अवैध निर्माण

रोहित के. तिवारी
मुंबई. डोंगरी की तांडेल स्ट्रीट स्थित केसरबाई इमारत हादसे के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। म्हाडा के मुंबई अध्यक्ष मधु चव्हाण की मानें तो 70-80 के दशक में महानगर में कई जगहों पर डी कंपनी की शह पर अवैध निर्माण किए गए। डी-कंपनी की छत्रछाया में ही दक्षिण मुंबई व आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में अवैध निर्माण किए गए। इन अवैध निर्माणों का लेखा-जोखा न तो म्हाडा के पास है और न ही इनके बारे में कोई पुख्ता जानकारी बीएमसी के पास उपलब्ध है। अवैध होने के बावजूद अवैध इमारतों में बिजली-पानी की आपूर्ति जारी है।

हादसे के बाद बीएमसी और म्हाडा ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। लेकिन यह बात किसी से छिपी नहीं है, कि अवैध इमारतों के पानी का बिल बीएमसी को मिलता है। बिजली बिल का भुगतान भी रहवासी करते हैं। ऐसे में म्हाडा और बीएमसी का यह कहना आसानी से नहीं पच रहा कि धराशायी हुई इमारत के प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। चव्हाण के बयान से यह भी साफ हो जाता है कि डी-कंपनी के सामने प्रशासन और सरकार कितने पंगु हैं। बड़ा सवाल यह कि आखिर मुंबईकरों की मौत का सिलसिला कब थमेगा?
स्थानीय नेताओं की भूमिका
म्हाडा अध्यक्ष उदय सामंत ने कहा कि हमारा काम पुनर्विकास करना है। म्हाडा का प्रयास लोगों को किफायती दर पर घर उपलब्ध कराना है। म्हाडा के कार्य क्षेत्र में गिरी हुई इमारत नहीं आती। दक्षिण मुंबई में अनगिनत अनधिकृत इमारतें हैं। वहीं नियमों को ताक पर रखते हुए दो मंजिला के इतर लोगों ने स्थानीय नेताओं की शह पर चार-छह मंजिल की बिल्डिंग अवैध रूप से बना रखी है। म्हाडा की ओर से इस साल 23 इमारतें अति-जर्जर घोषित की गई हैं। इसके लिए संबंधित बिल्डिंग के रहवासियों को नोटिस भी जारी किया गया है।
होनी चाहिए कार्रवाई
आज भी डी-कंपनी का खौफ सरकारी तंत्र में कायम है। इसी की वजह से अफसर इन अवैध निर्माणों पर कार्रवाई से बचते हैं। मेरी राय में अवैध निर्माण के खिलाफ फौरन कार्रवाई होनी चाहिए।
मधु चव्हाण, प्रेसिडेंट, मुंबई म्हाडा
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