वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक शिवराज मानसपुरे (Shivraj Manaspure) के अनुसार, ओपीडी में चौबीसों घंटे कर्मचारी होंगे जो मेडिकल की मांग करने वाले यात्रियों का इलाज करेंगे।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा “चलती ट्रेनों में ऐसे मामले अक्सर होते हैं जब यात्री को इलाज की आवश्यकता पड़ती है। यहां तक कि प्रमुख स्टेशनों पर भी मेडिकल हेल्प यात्री की डिमांड पर उपलब्ध कराई जाती है लेकिन इसमें समय लगता है। इसलिए सात स्टेशनों पर एक ओपीडी खोलने का निर्णय लिया गया है ताकि यात्रियों को चौबीसों घंटे मेडिकल मदद मिल सके।“
मध्य रेलवे के नासिक रोड, मनमाड, जलगांव, भुसावल, खंडवा, अकोला और बडनेरा स्टेशनों पर ओपीडी शुरू करने की योजना है। वर्तमान में भुसावल डिवीजन के इन स्टेशनों में से किसी पर भी रेलवे डॉक्टरों के अलावा कोई उचित मेडिकल सुविधा नहीं है। बल्कि जो रेलवे डॉक्टर भी है वो सीमित अवधि के लिए कुछ चुनिंदा स्टेशनों पर उपलब्ध हैं।
रेलवे ने अपनी इस परियोजना के लिए टेंडर जारी कर दिया है, जिसके लिए स्थानीय अस्पताल आवेदन कर रहे है। रेलवे ओपीडी और एक फार्मेसी स्टोर को चलाने के लिए लगभग 500 वर्ग फुट की जगह देगा, वहीं प्राइवेट अस्पताल को इमरजेंसी मेडिकल उपकरण (Emergency Medical Equipment) के साथ एक डॉक्टर और एक नर्स उपलब्ध करावना होगा।