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Mumbai News : राज्यपाल कलराज बोले, राजभवन में जनता दरबार सही नहीं

राजस्थान के प्रति लगाव को जाहिर करते हुए राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वे राज्य के विकास के लिए सतत प्रयासरत हैं। राज्य में उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिवासी कल्याण ऐसे मुद्दें हैं जिनके समाधान की दिशा में वे प्रयासरत हैं। राज्य सरकार से इन तमाम मुद्दों पर लगातार चर्चा होती रहती है, ताकि आम जन को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद गरीमायुक्त और संवैधानिक मर्यादा से जुड़ा होता है, इसलिए राज्यपाल का व्यवहार भी वैसा ही होना चाहिए।

मुंबईFeb 26, 2020 / 02:04 pm

Binod Pandey

Mumbai News : राज्यपाल कलराज बोले, राजभवन में जनता दरबार सही नहीं

सिद्धार्थ भट्ट
मुंबई. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र मंगलवार को मुुंबई में थे। पत्रिका ने उनका साक्षात्कार किया। साक्षात्कार के दौरान मिश्र ने राजस्थान के प्रति लगाव को जाहिर करते हुए कहा कि वे राज्य के विकास के लिए सतत प्रयासरत हैं। राज्य में उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिवासी कल्याण ऐसे मुद्दें हैं जिनके समाधान की दिशा में वे प्रयासरत हैं। राज्य सरकार से इन तमाम मुद्दों पर लगातार चर्चा होती रहती है, ताकि आम जन को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद गरीमायुक्त और संवैधानिक मर्यादा से जुड़ा होता है, इसलिए राज्यपाल का व्यवहार भी वैसा ही होना चाहिए। प्रस्तुत हैं साक्षात्कार के अंश-
सवाल:-आप मूल उत्तर प्रदेश से हैं, क्या अंतर है लखनऊ और जयपुर में?
जवाब:-राजस्थान के लोग संघर्षशील हैं, शांत हैं और लोगों के साथ मिलकर काम करने में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा राजस्थान की माटी में मिलनसारिता है।
सवाल:- राजभवन में लोगों की समस्याएं सुनने के बारे में अपका क्या कहना है?
जवाब:- मैं व्यक्तिगत रूप से राजभवन में जनता दरबार लगाना उचित नहीं मानता। यह काम राज्य सरकार का है। हालांकि राजभवन सबके लिए खुला है। लोग अपनी समस्याएं लेकर आते भी हैं। लेकिन, मैं जनता दरबार लगा कर समस्याएं नहीं सुनता। व्यक्तिगत या प्रतिनिधिमंडल के रूप में लोग आते हैं और मैं राज्यपाल के नाते उनकी समस्याएं सुनकर निदान करने की कोशिश करता हूं। आज भी राजभवन में रोजाना सौ लोग आते हैं।
सवाल:- राजस्थान पर्यटन की दृष् िट से अत्यंत महत्वपूर्ण है, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आपके क्या प्रयास हैं?
जवाब.- राजस्थान का हर गांव-शहर पर्यटक स्थल है। देशी और विदेशी पर्यटक यहां आए इसके लिए सरकार के स्तर पर बेहतर प्रयास हो रहे हैं। मैं स्वयं भी लोगों से राजस्थान के बारे ेमें बातें करता हूं और पर्यटन के बारे में जानकारी देता हूं। मेरे पास मिलने आने वाले को भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कहता हूं।
सवाल:-आपने भारत में उद्यमिता पुस्तक लिखी है, भारत में उद्योग और उद्यमिता की क्या स्थिति है और भविष्य कैसा है?
जवाब:-पुस्तक में लघु उद्योगों को कैसे बढ़ावा मिले इसका उल्लेख है। लघु उद्योगों के विकास के लिए जो शासकीय योजना बनती है, उसका किस तरह से इन उद्योगों को लाभ मिले इसका खास जिक्र है। अभी मेक इन इंडिया और इन्क्वेशन सेंटर के जरिए लघु उद्योगों को लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार लघु उद्यमियों को सब्सिडी आदि के जरिए भी मदद पहुंचा रही है।
सवाल:- राजस्थान में शिक्षा का स्तर बेहतर नहीं माना जाता, इसके लिए आप क्या कर रहे हैं? लड़कियों की शिक्षा में राजस्थान अभी पीछे हैं, किस तरह के उपाय की आवश्यकता है?
जवाब:- सभी विवि के वीसी की बैठक हुई जिसमें विवि के एकेडमिक कलैंडर हर हाल में नियमित करने को कहा गया। शिक्षकों की नई भर्ती पर विचार किया गया। दूर-दराज के लोगों को कॉलेज शिक्षा मिले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूली शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार स्कूली शिक्षा को महत्वपूर्ण मान रही है। बालिकाओं का ड्राप आउट बहुत कम हुआ है। कॉलेजों में गुणवत्ता, रेगुलर क्लासेस, इंट्रेंस, रिजल्ट, स्मार्ट क्लासेस आदि के जरिए सुधारने की कोशिश हो रही है।
सवाल:- राजस्थान में कृषि और पशुपालन की काफी संभावनाएं हैं। इनके लिए अलग-अलग विवि भी हैं, फिर भी राजस्थान का डेयरी क्षेत्र गुजरात के आनंद के मुकाबले पीछे हैं, क्या कारण है?
जवाब:-इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ा जा रहा है। सरकार की कई योजनाओं के जरिए परिणामलक्षी कार्य किए जा रहे हैं। जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। डेयरी को बढ़ावा देने के ग्रामीण स्तर पर बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं।
सवाल:- राजस्थान में अक्सर देश-विदेश के बड़े-बड़े लोगों के दौरे होते हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति रहते बिल क्लिंटन राजस्थान दौरे पर आए थे, इस तरह के दौरों से प्रदेश की जनता को क्या लाभ मिलता है?
जवाब:-प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ कई रूप में मिलता है। लेकिन, जितना लाभ आम आदमी तक पहुंचना चाहिए, उतना नहीं पहुंचता है। जारूकता की कमी के चलते लोगों को पूरा फायदा नहीं होता।
उन्होंने साक्षात्कार का समापन यह कहकर किया कि मैं राजस्थान का प्रथम नागरिक हूं, और इस नाते मेरी जिम्मेदारी है कि राजस्थान का चहुंमुखी विकास हो, यहां की सरकार भी मेरी सरकार है।
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