मुंबई

मां है तो संसार की हर खुशियां हैं साथ-साथ

मदर्स-डे विशेष: अनाथों की नाथ बनी माताओं ने कही अपने दिल की बात

मुंबईMay 13, 2019 / 05:39 pm

Devkumar Singodiya

मदर्स-डे विशेष

मुंबई. कहतें हैं कि चलती फिरती हुई आंखों से अजाँ देखी है,मैंने जन्नत तो नहीं देखी है मगर मां देखी है, कुछ ऐसी ही माताओं के दिल की बात हम आपके सामने लाने जा रहे हैं, जो अपने बच्चों के साथ साथ कई अनाथ बच्चों की मां की भूमिका निभा रही है। वैसे तो माँ पर की कोई व्याख्या नहीं की जा सकती है सारे शब्द मां की ममता के आगे फीके हैं। क्योंिक दुनिया की किसी भी कलम में इतनी ताकत नहीं है कि वह माँ को परिभाषित कर दे. माँ पवित्रता, त्याग, ममता, प्यार की वो मूर्त है जिसका कर्ज कभी चुकाया नहीं जा सकता है.जीवन मे मां की ममता ही एक ऐसी ममता है जो हर एक बच्चों के दुख दर्द को भली भांति समझती है मां के आंचल में हर एक बच्चा सुकून की नींद सोता है।
महिला दिवस की पूर्व संध्या पर हमने ऐसे ही कुछ माताओं के साथ बातचीत कर उनके दुख दर्द व प्यार को जानने की कोशिश की जो हम आपसे बताने जा रहे हैं। ऐसी ही महिला है ऐसी ही एक महिला की कहानी है जिसने अनाथ व गरीब बच्चों को देखा और उसका दिल पिघल गया फिर वह उन गरीब अनाथों की मसीहा बन गई।

अनाथ व गरीब बच्चों को देखा है….
ऐसी महिला जिन्होंने स्वयं मोतियों का माला गूथ कर परिवार जीविको-पार्जन करती करी लेकिन उसके बाद भी वह समाज में गरीब व अनाथ बच्चों को सहारा दे रही हैं । ऐसी महिला जो वेश्यावृत्ति के दलदल से निकाल कर बाछियों को सामाजिक सरोकार कर उनकी विवाह कर नई दुनिया बसाई। हम आपको ऐसी महिलाओं से रूबरू करवा रहे हैं जिन्होंने एकतरफ अनाथ बच्जों को शिक्षा दी वहीं दूसरी तरफ स्वयं घर से बना हुआ खाना खिलाया करती हैं। इस तरह से अनेक माताएं जो अनाथ का सहारा बन कई बच्चों के माँ भूमिका निभा रही है। ये ऐसी महिला है जो जो गरीबी में रहने के बावजूद गरीब बच्चों की मदद कर समाज के लिए एक मिसाल बन
चुकी हैं।

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