गौरतलब है कि मानसून से पहले हर वर्ष म्हाडा अपनी ओर से खतरनाक इमारतों की सूची जारी करती है। कोरोना की वजह से इस वर्ष इमारतों की सूची देरी से जारी हुई है। खतरनाक इमारतों में एमजी रोड की बिल्डिंग नंबर 144, एमए सारंग स्ट्रीट नागपाड़ा की बिल्डिंग नंबर 50-58, बारा इमाम रोड की बिल्डिंग नंबर 101-111और 242-244, निज़ाम स्ट्रीट की बिल्डिंग नंबर 74, मुंबा देवी रोड की बिल्डिंग नंबर 166 बी, संत सेना महाराज मार्ग की बिल्डिंग नंबर 237 और 239, भंडारी स्ट्रीट की बिल्डिंग नंबर 14, नानूभाई बेहरमजी रोड की बिल्डिंग नंबर 12(2) , वीपी रोड बादाम वाड़ी की बिल्डिंग नंबर 387-391, गिरगांव की बिल्डिंग नंबर 443 और खेतवाड़ी की बिल्डिंग नंबर 1 समेत अन्य पांच इमारतों को रहने के लिए अयोग्य घोषित किया है। जल्द ही इन इमारतों के बारे में में निर्णय ले,वहां लोगों की रहने की व्यवस्था अन्य स्थानों पर की जाएगी।
बता दें कि मानसून के दौरान हर साल कई इमारतों के गिरने की घटनाएं घटती है। इसमें कई लोगों की जान भी चली जाती है। इन घटनाओं को रोकने के लिए म्हाडा हर वर्ष मानसून से पहले इमारतों का सर्वे करती है। म्हाडा की मुंबई में करीब 114 कॉलोनी है। 114 कॉलोनी में 2 लाख 41 हजार 774 घर है। इसमें से कई इमारतें 40 वर्ष से अधिक पुरानी है।
म्हाडा ने अपनी कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर पहले ही जारी किया। इमारत से संबंधित कोई भी समस्या होने पर नागरिक हेल्पलाइन नंबर 022-23536945, 022-23517423 पर फोन कर सीधे म्हाडा से संपर्क कर शिकायत दर्ज करवा सकते है। कोरोना के कारण सरकारी दफ्तरों में सीमित संख्या में कर्मचारी आ रहे है। ऐसे में म्हाडा ने सभी इंजीनियरों को ऑनलाइन और फोन पर हर वक्त उपलब्ध रहने का आदेश दिया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अधिकारी और ठेकेदारों को तैयार रहने को कहा है। म्हाडा ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पहले ही मानसून पूर्व आवश्यक काम करने की अनुमति दी है।