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त्रिपुरारी पूर्णिमा पर जगमगाया बाणगंगा

locationमुंबईPublished: Nov 24, 2018 12:43:02 am

Submitted by:

arun Kumar

जगमगाएंगे शिवालय व गुरुद्वारे, कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान व दीप दान

Jaggagaya Banganganga on Tripurari Purnima

Jaggagaya Banganganga on Tripurari Purnima

मुंबई. दक्षिण मुंबई के बालकेश्वर स्थित बाणगंगा तालाब के घाट पर पांच हजार से अधिक दीपक प्रज्वलित कर त्रिपुरारी पूर्णिमा मनाई गई। त्रिपुरारी पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों ने बाणगंगा तालाब में स्नान किया व विभिन्न मंदिरों में दर्शन करने के बाद दीपक प्रज्वलित किए गए। गौड़ सारस्वत ब्राह्मण टेंपल ट्रस्ट की ओर से आयोजित बाणगंगा महाआरती समारोह में बाणगंगा तालाब के घाटों पर दीप प्रज्वलन से पहले वाराणसी से आए पुरोहितों ने सामूहिक मंत्रपाठ किया। कैवल्य मठाधीश शिवानंद स्वामी ने त्रिपुरारी पूर्णिमा के अवसर पर प्रवचन दिया। कैवल्य मठ, काशी मठ व गौंड़ सारस्वत ब्राह्मण मंदिर ट्रस्ट की ओर से पालकी निकाली गई, जिसमें भक्तगणों ने भाग लिया। इस अवसर सामूहिक शंख ध्वनि की गई। ढोल नगाड़ों से पूरा परिसर गुंजायमान हो गया। समारोह में सांसद अरविंद सावंत, विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा, शर्मिला ठाकरे, नितिन सरदेसाई, प्रसाद लाड आदि उपस्थित रहे। त्रिपुरारी पूर्णिमा के अवसर पर बाणगंगा तालाब व कुंडों की सफाई के अलावा बेहतर रोशनी की व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति को देखते हुए लाइफ गार्ड को भी तैनात किया गया।
जगमगाएंगे शिवालय व गुरुद्वारे, कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-ध्यान व दीप दान आज

मुंबई. कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को शहर के मंदिरों समेत अन्य धार्मिक स्थालों पर पूजा-पाठ समेत हरि कीर्तन का आयोजन होगा। सिखों के पहले गुरु नानक देव के जन्मदिन को सिख धर्म के लोग प्रकाशोत्सव के रूप में मनाएंगे। गुरुद्वारों को सजाया-संवारा गया है, साथ ही वहां रोशनी की झिलमिलाहट की गई है। बाण गंगा में लोग डूबकी लगाकर दीप दान कर दान-पुण्य बटोरेंगे। कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को शहर में धार्मिक आयोजनों की धूम रहेगी। नदी-तालाबों में स्नान और भगवान शिव की प्रार्थना के साथ पूरे दिन का उपवास का महात्म्य है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने में पूर्णिमा के दिन का स्नान श्रेष्ठ है। श्रद्धालु भगवान शिव के मंदिर में पूजा-अर्चना व अभिषेक करते हैं। यहां इस दिन दीप दान का विशेष महत्व रहता है। तुलसी के पौधे के सामने दीप जलाते हैं, यहां राधाकृष्ण की मूर्तियां भी रखी जाती है। सत्यनारायण की कथा श्रवण का विशेष महत्व होता है। इस वजह से मुंबई समेत अन्य सभी जगहों पर जगह-जगह कथा का आयोजन होगा। लोग घरों व मंदिरों में सत्यनारायण की कथा का श्रवण करेंगे। कई जगहों पर हरि कीर्तन का भी आयोजन किया जाएगा।
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