अधिकारिक बयान के मुताबिक, दही हांडी उत्सव में हुई घटनाओं में कुल 24 लोग घायल हुए थे, जिनमें से 19 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। जबकि पांच का अभी इलाज चल रहा है। सभी की हालत स्थिर बताई जा रही हैं। घायल गोविंदाओं को अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक दिन पहले ही घोषणा की कि दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा दिया जाएगा। साथ ही प्रतिभागियों या उनके परिवारों को मानव पिरामिड बनाने के दौरान किसी खिलाड़ी के हताहत होने की स्थिति में मुआवजा दिया जाएगा। जख्मी गोविंदाओं के इलाज का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी।
शिंदे सरकार के इस निर्णय से दही हांडी में शामिल होने वाले युवक खेलकूद कोटे के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर पायेंगे। वहीँ, मानव पिरामिड बनाने के दौरान हादसे का शिकार होने वाले गोविंदाओं की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने पर उनके परिवार को 10 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। जबकि किसी गोविंदा के गंभीर रूप से घायल हो जाने पर सात लाख रूपये तथा मामूली रूप से घायल होने पर पांच लाख रूपये दिये जाएंगे।
दही हांडी कार्यक्रम के दौरान मानव पिरामिड बनाने के समय सभी घायल हुए है। बता दें कि दही हांडी उत्सव में दही से भरी मटकी हवा में लटक रही होती है और मानव पिरामिड बनाकर उसे तोड़ा जाता है।