बता दें कि अब तक बेस्ट के 107 कर्मचारी कोरोना की चपेट में आए हैं। इनमें से सात लोगों की मौत हो चुकी है। महाव्यवस्थापक ने कहा कि बचे हुए लोगों के परिजनों को भी जल्द ही बेस्ट की सेवा में शामिल किया जाएगा।
गौरतलब है कि बेस्ट उपक्रम के अत्यावश्यक सेवा होने के चलते महाव्यवस्थापक ने सभी कर्मचारियों को काम पर आने का आदेश दिया हुआ है। इसके चलते रोज लगभग डेढ़ हजार से अधिक बस सड़कों पर चल रहीं हैं। इन बसों को सुचारु रुप से चलाने के लिए लगभग 3300 से अधिक बस चालक व कंडक्टर काम कर रहे हैं।
इससे पहले बेस्ट यूनियन कृति समिति के अध्यक्ष शशांक राव ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर प्रशासन बेस्ट कर्मचारियों के स्वास्थ्य का उचित ध्यान नहीं रखेगा,तो हम सोमवार से बसों को पूरी तरह से बंद कर देंगे।
इसके बाद महापौर किशोरी पेडणेकर ने बेस्ट कर्मचारियों से ऐसे कठिन समय में हड़ताल न करने का अनुरोध किया है। इसके बाद सुरेंद्र बागड़े ने कहा कि कर्मचारियों का निधन दुखद है। हमने उन सभी कर्मचारियों के परिजनों को बेस्ट सेवा में लेने का निर्णय लिया है, जिन्होंने कर्तव्य पालन करते हुए जान गंवाई।