जानकारी अनुसार दादर में कोहिनूर मिल्स को खरीदकर वंहा कोहिनूर स्क्वायर टॉवर खड़ा किया गया है ।इस जमीन को कोहिनूर मिल से खरीदने के लिए शिवसेना नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी, मनसे प्रमुख राज ठाकरे और उनके एक अन्य बिजनस सहयोगी ने मिलकर एक कन्सोर्टियम गठित किया था। इसमें आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने भी 225 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके बाद साल 2008 में इसने भारी मात्रा में नुकसान उठाते हुए कंपनी ने अपने शेयर्स को महज 90 करोड़ रुपये में सरेंडर कर दिया। उसी साल राज ठाकरे ने भी भी अपने शेयर बेच दिए थे और कंसोर्टियम से बाहर निकल गए थे। अपना शेयर सरेंडर करने के बाद भी आईएल एंड एफएस ग्रुप ने कोहिनूर सीटीएनएल को एडवांस लोन दिया । जिसे कथित तौर पर कोहिनूर सीटीएनएल चुका नहीं पाया। इसके बाद साल 2011 में कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी ने अपनी कुछ संपत्तियां बेचकर 500 करोड़ रुपये का लोन चुकाने के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया। इस समझौते के बाद आईएल एंड एफएस ग्रुप ने कोहिनूर सीटीएनएल को 135 करोड़ रुपये का और लोन दिए जाने का ईडी ने जांच में पाया है ।जिसके बाद ईडी ने कोहिनूर सीटीएनएल के सीएओ का बयान रिकॉर्ड किया है। सूत्रों की माने तो इस मामले में ईडी ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे को नोटिस भेजकर जांच के लिए 22 अगस्त को हाजिर होने का आदेश दिया है | बताया जा रहा है की राज ठाकरे से पूछताछ के बाद ईडी उनसे जुड़े अन्य लोगो से भी पूछताछ कर सकती है |