scriptरेलवे में भाषा का महत्व ज्यादा है | Language is more important in railway | Patrika News

रेलवे में भाषा का महत्व ज्यादा है

locationमुंबईPublished: May 09, 2019 06:47:21 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

दुगड का नाम गोल्डन बुक में

रेलवे में भाषा का महत्व ज्यादा है

रेलवे में भाषा का महत्व ज्यादा है

मुंबई. राज भाषा विभाग की कार्यान्वय समिति की बैठक में सेंट्रल रेलवे के महाप्रबंधक देवेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि रेल विभाग में भाषा का अत्यधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि रेलें लोगों को आपस में जोडऩे का काम करती हैं। लोगों का यह जुड़ाव हिंदी के कारण ही संभव हो पाता है, क्योंकि हिंदी ही ऐसी एकमात्र भाषा है, जो देश के अधिकतर भू-भाग में बोली तथा समझी जाती है। उन्होंने अधिकारियों कर्मचारियों को हिंदी में काम करने के निर्देश भी दिए। इस बैठक में सभी विभागों के प्रमुख विभागाध्यक्ष, मंडलों के अपर मंडल रेल प्रबंधक तथा कारखानों के मुख्य कारखाना प्रबंधक के साथ-साथ गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, हिंदी शिक्षण योजना, बेलापुर की ओर से विशेष रूप से आमंत्रित उप निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. विश्वनाथ झा भी उपस्थित थे। महाप्रबंधक ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रकाशित की जाने वाली गृह पत्रिकाओं की सराहना की।

दुगड का नाम गोल्डन बुक में
मुंंबई. प्रेक्षाध्यान के प्रशिक्षक पारसमल दुगड का नाम गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रेकार्डस में शामिल किया गया है। रिकार्डस के एशिया के हेड डॉ. मनिष विश्नोई ने मुम्बई में एक समारोह में दुगड को इसका सर्टिफिकेट ऑफ एक्सिलेन्स देकर सम्मानित किया। करीब 22 वर्षों से योगा व मेडीटेशन सेन्टर चीला रहे हैं। इस अवसर पर मुम्बई तेरापंथ समाज, मुम्बई महिला मंडल, लावा सरदारगढ की ओर से भी पारसमल को शुभकामनांए दी गई। पारसमल दुगड ने देश विदेशों में प्रेक्षाध्यान व योग के कार्य करने का संकल्प लिया। समारोह में विजय पटवारी, विनोद बोहरा, श्रीनवरत्न गन्ना, दीपक डागलिया, रमेश चौधरी, बाबुलाल बाफना, जवरीलाल नौलखा, श्रीचांदमल कुमठ मौजूद रहे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो