भगवान महावीर ने जिओ और जीने दो का मूलमंत्र दिया है। अहिंसा के मार्ग पर सभी को चलना चाहिए, बड़े ही पुण्य के बाद मनुष्य जीवन मिलता है। हमें सिर्फ अपने लिए ही नहीं दूसरों के लिए भी जीना चाहिए। सभी में जीवदया की भावना होनी चाहिए और देश हित सर्वोपरि होना चाहिए। महावीर ने कई महत्वपूर्ण वचन दिए हैं, जिसमें सभी प्राणियों के प्रति सम्मान व अहिंसा का मंत्र है।
नरेंद्र मेहता, विधायक मीरा भायंदर
मीरा भायंदर जैन समाज के सभी भाई बहनों को भगवान महावीर की जयंती पर शुभकामनाएं। महावीर ने सभी को सत्य अहिंसा की राह दिखाई। भगवान महावीर ने जीओ और जीने दो का नारा दिया है। उसका पालन सभी को करना चाहिए। भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं, हम सभी को उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।
डिंपल मेहता, महापौर मीरा भायंदर मनपा
भगवान महावीर के संदेश है कि दूसरे मनुष्यों की किसी वस्तु को जान बूझकर या धोखे से छिपा कर ले लेना ही चोरी है। यह समझना कि केवल रात में दूसरों के घर जाकर उनके ताले तोडऩे वाला, सेंध लगाने वाला चोर है, ठीक नहीं है। जीवन के हर मोड़ पर उनके संदेश व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं। स्त्री हो या पुरुष दोनों पर यह समान रूप से लागू होता है।
वनीता नवलखा, ठाणे
जीव बलवान है या कर्म, इस जिज्ञासा के समाधान में भगवान महावीर ने कहा कि अप्रमत्तता की साधना से जीव बलवान बना रहता है और प्रमाद से कर्म। इस प्रकार भगवान महावीर ने साधना का सम्पूर्ण हार्द प्रस्तुत कर दिया। साधना से जीवन को जीता जा सकता है। यह साधना निष्कलंक होनी चाहिए। सतत चिंतनशील व्यक्ति सही मार्ग अपना सकता है।
साक्षी जैन, ठाणे