lockdown: चीकू के उत्पादकों पर लॉकडाउन की मार
मुंबईPublished: May 27, 2020 10:24:44 pm
चीकू के उत्पादन में पालघर भारत में पहले नंबर पररमजान माह में चीकू की डिमांड न के बराबर रहीएक खतरनाक कीट ने चीकू के पेड़ों को बनाया निशाना
lockdown: चीकू के उत्पादकों पर लॉकडाउन की मार
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
पालघर. कोरोना के प्रभाव को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की मार से चीकू के उत्पादक किसान कराह रहे हैं। किसानों ने दिन-रात मेहनत कर जिस चीकू की फसल को तैयार की। अब वह फसल फल दे रही है, तो वह उनके सामने नष्ट हो रही है और किसान बेबस उसे देख रहे है। पालघर जिले में करीब 5000 हेक्टेयर भूभाग पर चीकू की खेती होती है। जिले में चीकू उत्पादकों में डहाणू तालुका अग्रणी है। चीकू के उत्पादन में करीब 25000 हजार लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। पालघर से चीकू की सप्लाई देश के साथ-साथ विदेशों में की जाती है।
किसानों को करोड़ों का नुकसान
ं चीकू उत्पादन करने वाले किसानों को करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ है। साल 2016 में भारत सरकार ने चीकू के लिए जीआई टैग देकर, राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाई थी। जिससे यहां के चीकू के उत्पादन करने वाले किसानों में एक नई उम्मीद जगी थी, लेकिन अब बंदी से चीकू का उत्पादन करने वाले किसानों पर आर्थिक संकट छाया हुआ है। चीकू का उत्पादन करने वाले किसान कौशल ठाकुर ने बताया कि बाजार बंद होने से व्यापारियों का अभाव है। किसानों को मजबूरन एक चौथाई कीमत पर चार सौ रुपये कुंतल तक चीकू बेचने पर पड़ रहे है। जिससे इस बार चीकू से फसल से कमाई तो दूर लागत भी निकलती नही दिख रही। किसान हितेश कर्णावट ने बताया कि एक खतरनाक कीट ने चीकू के पेड़ों को अपना निशाना बनाया है। पेड़ के पत्ते काले पड़ रहे है और इससे फसल को काफी नुकसान हो रहा है। कीट और लॉकडाउन से चीकू के किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। राज्य चीकू उत्पादन संघ के जिला सेक्रेटरी मिलिंद बाफना ने बताया की रमजान के महीने चीकू की बड़े पैमाने पर मांग होती थी। लेकिन इस बार लॉकडाउन कारण चीकू मांग न के बराबर रही।
चीकू से बनते हैं दर्जनों प्रोडक्ट्स
उपविभागीय कृषि अधिकारी दिलीप नेरकर ने कहा कि चीकू के किसानों की समस्याओं को देखते हुए उनको बाजारों तक माल ले जाने के लिए ई पास जारी किए गए है। पालघर के चीकू देश मे ही नही दुनिया में पसंद किए जाते है। चीकू की तीन फसले किसानों को मिलती है। जो भारत मे और कही नही मिल पाती। चीकू से तरह-तरह के प्रोडक्ट्स भी बनाये जाते है। जैसे कि चीकू के चिप्स, अचार, मिठाई, फूड बियर आदि। तथा डहाणू के बोर्डी इलाके में हर साल चीकू के फेस्टिवल का आयोजन भी होता है।