उधर जयपुर में भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की उपस्थिति में विधायकों की बैठक हुई। जिसमे सभी निर्णय आलाकमान पर छोड़ दिया गया। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ चर्चा के बाद कांग्रेस अंतिम निर्णय लेगी। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी मड में अपने विधायकों की बैठक ली। और साफ़ कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा , मुख्यमंत्री पद पर कोई शिवसैनिक ही बैठेगा। उनके इस बयान से साफ़ हो गया की उन्हें मुख्यमंत्री पद पर विराजमान होने की कार्यकर्ताओं की मांग को उन्होंने नकार दिया है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार तो पहले ही कह चुके है की कुछ शर्तों पर वे शिवसेना को समर्थन दे सकते हैं। एनसीपी नेता नवाब मालिक ने कहा कि एनसीपी किसी भी कीमत पर भाजपा को समर्थन नहीं देगी।
शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से भाजपा को राज्य में सरकार बनाने के लिए मिले निमंत्रण की खबर के साथ ही भाजपा में हलचल शुरू हो गई थी। तुरंत रविवार सुबह को 11 बजे कोर कमिटी की बैठक बुलाई गई दो बैठके लगातर हुई। दोनों बेनतीजा रही। सरकार गठन के लिए यदि भाजपा अकेले जाती तो बहुमत के अकड़े को छूने के लिए उसके पास 25 विधायक कम थे भाजपा के पास कुल 105 विधायक और 15 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
भाजपा कोर कमिटी की बैठक में प्रदेश चुनाव प्रभारी व् राष्ट्रीय भाजपा के महासचिव भूपेंद्र यादव , कार्यवाह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस , प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील , वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार , गिरीश महाजन , पंकजा मुंडे सुजीत सिंह ठाकुर सहित काई लोग उपस्थित थे। बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलने से भाजपा नेताओं ने दुःख व्यक्त किया। सरकार नहीं बना पाने के लिए शिवसेना को जिम्मेदार बताया और। राजयपाल से मुलाकात कर अपनी असमर्थता व्यक्त की