मानवता का कोई धर्म नहीं होता है । मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। यदि कोई यह सोच रहा होगा कि शिवसेना और संजय राउत पर दबाव बनाया जा सकता है तो यह उसकी भूल है, नागरिकों के सामान अधिकार की बात करना देशद्रोह होता है क्या , ए लोग मुझे ना सिखाएं , जिस स्कूल में पढ़ते हैं मै उसी स्कूल का प्रिंसिपल हूं .
मुंबई।
नागरिक संशोधन बिल (सीएबी बिल) पर शिवसेना की भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब में पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय राउत ने दो टूक जवाब दिया है । राउत ने कहा कि
शिवसेना और मुझे कोई राष्ट्रभक्ति ना सिखाएं। मानवता का कोई धर्म नहीं होता है । मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। यदि कोई यह सोच रहा होगा कि शिवसेना और संजय राउत पर दबाव बनाया जा सकता है तो यह उसकी भूल है।
राउत ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में नागरिकों के सामान अधिकार की बात करना देशद्रोह होता है क्या , ए लोग मुझे ना सिखाएं , जिस स्कूल में पढ़ते हैं मै उसी स्कूल का प्रिंसिपल हूं . शिवसेना और संजय राऊत पर कोई भी दबाव नहीं बना सकता है।
राउत ने शिवसेना की भूमिका को लेकर टिका टिप्पणी करने वालों को जम कर सुनाया है । मोदी सरकार के इस बिल पर लोकसभा में समर्थन को लेकर तटस्थ रहने पर शिवसेना को जिस प्रकार से टारगेट किया गया। उस पर राउत ने यह बयान दिया है । संजय रावत ने कहा कि नागरिक संशोधन बिल को लेकर जो शिवसेना को उचित लगा वह कदम शिवसेना ने उठाया है। किसी के दबाव में शिवसेना नहीं है राष्ट्रहित और जनहित में जो कदम उचित था वही शिवसेना का है ।
भाजपा के साथ अब तक एनडीए( राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन) में रही शिवसेना जैसे ही विपक्ष में कांग्रेस के साथ विपक्ष में यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ) में गई उसकी भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे . हालांकि शिवसेना ने उक्त बिल का लोकसभा में विरोध भले किया लेकिन वोट उसके समर्थन में किया है .ऐसा दावा कई कई नेतोओ ने किया है .
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