
Maha politics: रमजान के आगे कोरोना मतलब कुछ नही , लॉक डाउन की उड़ रही है धज्जियां
मुंबई. कोरोना का संक्रमण महानगर के झोपड़पट्टी परिसरों में तेजी से फैल रहा है। महामारी की रोकथाम के लिए सरकार और पुलिस लॉकडाउन पर सख्ती से अमल की अपील कर रही है। दूसरी तरफ रमजान के महीने में महानगर के कई इलाकों में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पत्रिका के हाथ लगे फोटो और वीडियो दंग करने वाले हैं। सबकी नजर एशिया की सबसे झोपड़पट्टी धारावी पर है। लेकिन, मुंबई में ऐसी कई धारावी हैं। वडाला, मानखुर्द, चेंबूर, गोवंडी में भी कोरोना का संकट छाया है। यह वे इलाके हैं जहां लोग बेधड़क सड़क पर खरीदारी के लिए निकल रहे हैं। इन परिसरों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम सिर्फ कागजों पर सिमटे हुए हैं। क्योंकि यहां के बाजारों में खाने- पीने की चीजों के साथ गुटखा, पान, बीड़ी, सिगरेट आदि बिकक रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चे चिल्ला कर गुटखा बेच रहे हैं। मानो इनके लिए कोरोना का संकट कभी था ही नहीं।
सब कुछ मिल रहा
धारावी से एक किमी दूरी पर ही सायन कोलीवाड़ा से वडाला बरकत अली तक दूसरी धारावी है। यहां शांतिनगर, आजाद मुहल्ला, कमला नगर में लॉक डाउन नहीं है। मानखुर्द, चेंबूर और गोवंडी शिवाजी नगर तीसरी सबसे बड़ी झोपड़पट्टी है। यहां भी चॉलों की संकरी गलियों में दुकानें खुली हैं। सब कुछ मिल रहा है, जैसे पहले मिलता था।
कहां गई पुलिस
रमजान से पहले पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात थी। इन सभी इलाकों में पुलिस कार्रवाई भी करती थी। रमजान महीने में पुलिस की सख्ती नजर नहीं आ रही। शिकायतों के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। लोग नियमों की धज्जी उड़ा रहे हैं, यह देखते हुए भी पुलिस पता नहीं क्यों मौन साधे हुए है।
दबाए जा रहे मामले
वर्ली कोलीवाड़ा और धारावी के बाद वडाला पूर्व का झोपड़पट्टी बेल्ट कोरोना का नया हॉटस्पॉट बन गया है। आजाद मुहल्ला में दो लोगों की मौत हो चुकी है। एक डॉक्टर की पत्नी भी कोरोना संक्रमित पाई गई है। लोग उपचार के लिए डॉक्टरों के पास जाने से भी डर रहे हैं। हैरान करनेवाली बात यह कि पुलिस के साथ ही स्थानीय शिवसेना नेता भी चुप्पी साधे हुए हैं।
Published on:
29 Apr 2020 11:20 pm
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