धारावी से एक किमी दूरी पर ही सायन कोलीवाड़ा से वडाला बरकत अली तक दूसरी धारावी है। यहां शांतिनगर, आजाद मुहल्ला, कमला नगर में लॉक डाउन नहीं है। मानखुर्द, चेंबूर और गोवंडी शिवाजी नगर तीसरी सबसे बड़ी झोपड़पट्टी है। यहां भी चॉलों की संकरी गलियों में दुकानें खुली हैं। सब कुछ मिल रहा है, जैसे पहले मिलता था।
रमजान से पहले पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात थी। इन सभी इलाकों में पुलिस कार्रवाई भी करती थी। रमजान महीने में पुलिस की सख्ती नजर नहीं आ रही। शिकायतों के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। लोग नियमों की धज्जी उड़ा रहे हैं, यह देखते हुए भी पुलिस पता नहीं क्यों मौन साधे हुए है।
वर्ली कोलीवाड़ा और धारावी के बाद वडाला पूर्व का झोपड़पट्टी बेल्ट कोरोना का नया हॉटस्पॉट बन गया है। आजाद मुहल्ला में दो लोगों की मौत हो चुकी है। एक डॉक्टर की पत्नी भी कोरोना संक्रमित पाई गई है। लोग उपचार के लिए डॉक्टरों के पास जाने से भी डर रहे हैं। हैरान करनेवाली बात यह कि पुलिस के साथ ही स्थानीय शिवसेना नेता भी चुप्पी साधे हुए हैं।