अब बेलगाव को भी केंद्र शासित राज्य बनने की मांग, कर्नाटक में बसे इस मराठी गाव के लोग महाराष्ट्र में होना चाहते हैं शामिल , सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इस मामले को ठाकरे सरकार देगी सपोर्ट , ठाकरे सरकार से बेलगाव वासियों की जागी आस ,दो मंत्रियों की समन्वय समिति गठन का निर्णय
मुंबई .महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद में उलझे बेलगाव वासियों की आस राज्य में ठाकरे सरकार आने के बाद एक बार फिर जाग उठी है .
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से शनिवार को की गई .ठाकरे सरकार ने भी इस विषय को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक लगाईं . जिसमे राज्य के प्प्रमुख अधिवक्ता आशुतोष कुम्भ्कोनी भी उपस्थित थे .
ठाकरे ने
महाराष्ट्र बेलगाव एकीकरण समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक ली और राज्य सरकार की ओर से इस विषय में क्या कदम उठाये जा सकते है उस पर चर्चा भी की . समिति मांग पर विचार करने का आश्वासन उद्धव ने दिया . बेलगाव को महाराष्ट्र में शामिल किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले कि सुनवाई को तेज गति से पूरा करने के लिए उद्धव ने एकनाथ शिंदे और छगन भुजबल को समन्वयक बनाया और हर संभव मदद उपलब्ध कराने का निर्णय सरकार ने लिया है .
बैठक में समिति के पदाधिकारियों ने साफ़ साफ़ अपनी बाते रखते हुए उद्धव से मांग की राज्य सरकार इस मामले में केंद्र को प्रस्ताव भेजकर स्वतंत्र राज्य के रूप में बेलगाव को स्थापित करने की मांग करे .ताकि बेलगाव वासियों को न्याय मिल सके . उक्त समिति के
अध्यक्ष किरण ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इन्तजार नहीं करते हुए सरकार को बेलगाव को केंद्र शासित राज्य बनने के लिए केंद्र सरकार के पास अपील करना चाहिए .ऐसी मांग हमने ठाकरे सरकार के समक्ष रखी है
बेलगाव महाराष्ट्र और कर्नाटक के सीमा पर है , कर्नाटक में यह क्षेत्र होने के बाद भी यहाँ के ज्यादातर लोग मराठी भाषा बोलते है . मराठी के लोग नगरसेवक और विधायक चुने जाते हैं . यहाँ के लोगों का कहना है कि कर्नाटक में मराठी भाषियों के साथ अन्याय हो रहा है नतीजन उन्हें महाराष्ट्र में शामिल कर देना चाहिए .