पवार ने रेल मंत्री (Piyush Goyal) को बताया है कि लॉकडाउन के चलते मजदूरों के पास काम नहीं है। राज्य सरकार उनके रहने-खाने का इंतजाम कर रही है। लेकिन, यह मजदूर लॉकडाउन के बाद अपने वतन-प्रदेश लौटना चाहते हैं। काम के अभाव में मजदूरों के मन में भारी आक्रोश है। वे बेसब्री से लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। पवार ने यह भी लिखा है कि यदि लॉकडाउन के बाद गांव जाने की सहूलियत नहीं मिली तो मजदूरों का गुस्सा सड़कों पर फूट सकता है। इससे कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसलिए प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष ट्रेन चलाने पर गंभीरता से विचार करें।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुंबई के बांद्रा (Bandra) इलाके में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हुए डेढ़ हजार से ज्यादा मजदूर जमा हो गए थे। ये सभी गांव जाने के लिए ट्रेन की मांग कर रहे थे। समझाने से नहीं माने तो मजदूरों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज तक करना पड़ा। इस पर राजनीति भी खूब हुई। विपक्षी दल भाजपा (BJP) ने मजदूरों के आक्रोश को राज्य सरकार की विफलता करार दिया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thakeray) ने मजदूरों को भरोसा दिया कि सरकार उनके रहने-खाने का इंतजाम करेगी। मुख्यमंत्री भी प्रवासी मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से कर चुके हैं।