मिली जानकारी अनुसार एसीबी ने 27 नवंबर को हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में 16 पेज का यह हलफनामा जमा किया है। इससे पहले सियासी उठापटक के बीच 25 नवंबर को एसीबी ने पवार के खिलाफ पर्याप्त सबूतों के अभाव में नौ केस बंद कर दिए थे, जिस पर सवाल भी उठाए गए थे। यह वह समय था जब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
बन सकते हैं डिप्टी सीएम
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार में अजीत पवार बतौर उप-मुख्यमंत्री शामिल किए जा सकते हैं। हालांकि इसके लिए भी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन, इसमें दो राय नहीं कि सिंचाई घोटाले में एसीबी की तरफ से मिली क्लीन चिट के बाद डिप्टी सीएम पद के लिए अजीत की दावेदारी और मजबूत हो गई है।