राष्ट्रपति शासन लगने के बाद कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के सभी विकल्प अपनाए बिना राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करके जल्दबाजी दिखाई। वहीं, सोमवार को राज्य में गैर-भाजपा सरकार बनाने की कोशिशों में नाकाम रही शिवसेना ने कहा कि अगर राष्ट्रपति शासन लगता है, तो उसे चुनौती दी जा सकती है। इससे पहले राज्यपाल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को सरकार गठन को लेकर मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक का समय दिया था। हालांकि इससे पहले ही उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने से जुड़ी रिपोर्ट भेज दी।
कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी इस तरह के विचार साझा करते हुए कहा कि एक बार हमारे पास समर्थन के पत्र आ जाएं, तो राष्ट्रपति शासन हटा दिया जा सकता है। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि राज्यपाल को हमारी पार्टी को सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता दिखाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए था। हालांकि शिवसेना के विधान पार्षद अनिल परब ने कहा कि अगर राष्ट्रपति शासन लगाया गया तो उसे चुनौती दी जा सकती है।