scriptशिव सेना-भाजपा एक साथ चुनाव लडे़गी-फड़णवीस | maharashtra CM says bjp and shiv sena will fight election together | Patrika News

शिव सेना-भाजपा एक साथ चुनाव लडे़गी-फड़णवीस

locationमुंबईPublished: Oct 29, 2018 03:36:12 pm

Submitted by:

Prateek

राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की दिली इच्छा है कि इस बार अगले लोकसभा और विधान सभा चुनाव में साझा सरकार फिर से कायम हो…

devendra fadanvis

devendra fadanvis

(मुंबई): शिव सेना के लगातार भाजपा पर प्रहार के बावजूद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने आगामी लोकसभा व राज्य विधानसभा के चुनाव साझा लड़ने का दावा किया है। शिवसेना पिछली बार की तरह राज्य विधानसभा के साथ इस बार लोकसभा चुनाव भी भाजपा के बिना अकेले दम पर लड़ने का दावा कर चुकी है। हालांकि विधानसभा अकेले चुनाव लड़ने के कारण पिछली बार शिवसेना को काफी नकुसान उठाना पड़ा था। चुनाव परिणाम के बाद भाजपा को बड़ा भाई मानते हुए सरकार में शामिल हुई। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ अपने अच्छे संबन्धों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना की शर्तों पर चर्चा करने को लेकर सकारत्मक सन्देश देते हुए दावा किया है कि अगले लोकसभा और विधान सभा चुनाव में दोनों साथ ही होंगे।

 

 

राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की दिली इच्छा है कि इस बार अगले लोकसभा और विधान सभा चुनाव में साझा सरकार फिर से कायम हो। दोनों दल एक साथ चुनाव लड़ें। इसके लिए भाजपा सकारात्मक है। चूंकि भाजपा समझौते का मन बना चुकी है इस लिए दोनों दलों के बीच समझौते को लेकर अंतिम समय तक प्रयास करेगी। दोनों के बीच सीटों के बटवारे को लेकर होने वाली सभी अड़चनों को दूर किया जाएगा। इसके लिए अभी चर्चा का दौर शुरू होगा।

 

उन्होंने माना कि राज्य में बदलते राजनीतिक समीकरण में भाजपा शिवसेना का एक साथ होना जरूरी है। और समझौते के लिए भाजपा पहले कदम बढ़ाएगी। फड़नवीस ने कहा कि भाजपा-शिवसेना यदि अलग अलग लड़ती हैं तो हिंदुत्ववादी मतों में विभाजन होगा। जो दोनों दलों के लिए नुकसानदेह है। दोनों सामान विचारधारा की पार्टी है। हमारे मत अलग हो सकते है लेकिन मतभेद नहीं हो सकता है।

 

उल्लेखनीय है कि भाजपा और शिवसेना ने पिछला लोकसभा चुना एक साथ लड़ा था। लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों के बीच खटास आ गई और दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। जिसमे भाजपा को शिवसेना से अधिक सीटें मिली। वास्तव में बड़ा भाई की भूमिका हमेशा निभाने वाली शिवसेना पीछे हो गई और भाजपा राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। 122 सीटों के साथ भाजपा की ओर से फड़नवीस मुख्यमंत्री बने। शिवसेना के लिए यह दुखद बात थी। उसे मजबूरन भाजपा को अपने बड़े भाई के रूप में स्वीकार करना पड़ा। तबसे नाराज हुई शिवसेना ने राज्य में कई मुंबई नगरपालिका चुनाव में अकेले ही मैदान में रही और अब लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी भाजपा से अलग रहकर चुनाव लड़ने की जिद पर अड़ी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो