फडणवीस ने कहा कि सत्ताधारी महाविकास आघाडी सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी है। महाविकास आघाडी में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं। उन्होंने तंज कसा कि गोवा और यूपी में भाजपा को हराने के लिए चुनावी दंगल में उतरीं शिवसेना-एनसीपी चित पड़ गईं। इन्हें नोटा से भी कम वोट मिले। इनके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। फडणवीस गोवा में भाजपा के चुनाव प्रभारी बनाए गए थे। यूपी और गोवा में शिवसेना-एनसीपी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। शिवसेना ने 60 प्रत्याशी घोषित किए थे। इनमें से 41 चुनाव मैदान में थे। एनसीपी ने सपा से हाथ मिलाया था। बंटवारे में एक सीट मिली थी, जिस पर पार्टी प्रत्याशी की हार हुई।
हार से हम निराश नहीं: राउत
भाजपा को जवाब शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने दिया। चार राज्यों में भाजपा को जीत की बधाई देने के साथ राउत ने कहा कि हमारे लिए यह शुरुआत है। हार से हम निराश नहीं हैं। भाजपा को बताना चाहिए कि सीमावर्ती पंजाब की जनता ने उसे क्यों नकार दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्यों हार गए। यूपी में भाजपा को बहुमत जरूर मिला है। इसका श्रेय मायावती की बसपा और ओवैसी की एमआइएम को जाता है। इनके प्रत्याशियों ने जम कर वोट काटे, जिसका फायदा भाजपा को मिला। समाजवादी पार्टी की सीटें तीन गुना बढ़ी हैं। अखिलेश यादव की कामयाबी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि महाराष्ट्र की जमीनी हकीकत अलग है। यहां भाजपा की दाल नहीं गलेगी। आगे भी महाराष्ट्र विकास आघाडी की ही सरकार बनेगी। बीएमसी में शिवसेना का ही भगवा झंडा फहराएगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हम समीक्षा करेंगे। जनता का भरोसा हासिल करने के लिए खामियों को दूर करेंगे।
नोटा से कम वोट
शिवसेना-एनसीपी को गोवा में जोर का झटका लगा। शिवसेना के 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। सभी की जमानत जब्त हो गई। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार गोवा में 1.12 प्रतिशत वोट नोटा पर पड़े। शिवसेना प्रत्याशियों को कुल 0.18 प्रतिशत वोट मिले। यूपी में नोटा का बटन 0.69 प्रतिशत मतदाताओं ने दबाया, जहां शिवसेना को 0.03 फीसद वोट मिले। मणिपुर में भी पार्टी छह सीटों पर चुनाव लड़ी, जहां 0.54 प्रतिशत मत नोटा के नाम रहे। वहां शिवसेना को 0.34 प्रतिशत वोट मिले।