मुंबई

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने पर महाराष्ट्र सरकार पर पड़ेगा 21 हजार 530 करोड़ का भार

मुंबई. महाराष्ट्र की देवेंद्र फडनवीस सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशेंलागू करने के लिए सकारात्मक रुख अपना रही है।

मुंबईMar 06, 2018 / 05:52 pm

Shailesh pandey

Devendra Fadnavis

(रोहित तिवारी ) मुंबई. महाराष्ट्र की देवेंद्र फडनवीस सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें
लागू करने के लिए सकारात्मक रुख अपना रही है। इस मसले को लेकर सरकार केपी
बक्‍शी समिति की सिफारिशों का अध्ययन कर रही है। उक्त समिति की सिफारिश के बाद अगर सातवां
वेतन लागू किया गया तो राज्य सरकार की तिजोरी पर सालाना 21 हजार 530 करोड़
रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। उक्त जानकारी विधान परिषद में राज्य के वित्त
मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दी। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे
और अन्य सदस्यों ने प्रश्नकाल में सरकारी कमर्चारियों की विभिन्न मांगों और
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग उठाई थी, जिसके जवाब में
वित्त मंत्री ने कहा कि सातवां वेतन आयोग लागू करने के लिए सरकार ने बजट में
राशि का प्रवाधान भी किया है। सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की तारीख से कर्मचारियों
का एक पैसा भी नहीं डूबेगा। राज्य सरकार की ओर से नियुक्त की गई केपी बक्‍शी
समिति का काम शुरू है। वित्त मंत्री ने कहा कि कामकाज का सप्ताह पांच दिन करने
के संबंध में अभी तक कोई समिति गठित नहीं की गई है।

इसी तरह कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने के
मामले में खटुआ समिति की रिपोर्ट जल्द प्राप्त होने वाली है। रिपोर्ट प्राप्त
होने के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार
सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के पक्ष में है। इस मामले में दो मत हैं। यदि आयु
बढ़ाई जाती है तो युवकों का मत है, उन्हें रोजगार के अवसर नहीं मिलेंगे। दूसरा
पक्ष है कि आयु सीमा बढ़ाने पर कर्मचारियों के अनुभव का लाभ विभागों को मिल
सकेगा। विदित हो कि सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष करने पर राज्य सरकार की तिजोरी
पर 5 से 6 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि केरल में
सेवानिवृत्ति आयु 56 वर्ष है।

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