वहीं, सोमवार को उद्धव गुट के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने दावा किया था कि महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपनी टिप्पणी को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रहे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है।
आज राजभवन को देना पड़ा स्पष्टीकरण: बता दें कि यहां तक कि सत्तारूढ़ बीजेपी और शिंदे गुट भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर हो रहे विपक्ष के हमलों का खुलकर जवाब नहीं दे रहे हैं। महज महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ही एक बार यह कहकर विपक्ष को जवाब देने का प्रयास किया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कुछ भी गलत नहीं कहा। शिंदे सरकार की इसी चुप्पी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पद छोड़ने की अफवाहों को पैदा दिया। जिसका स्पष्टीकरण आज राजभवन को देना पड़ा है।
इस स्पष्टीकरण के बाद भी ठाकरे गुट ने फिर से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधते हुए दबाव बनाने का प्रयास किया है। उद्धव गुट ने कहा है कि वर्तमान राज्यपाल राज्य एवं महापुरुषों का अपमान करते जा रहे हैं, और सरकार उन्हें हटाने के बजाय शांत बैठी है। बता दें कि साल 2019 में महाराष्ट्र में एमवीए की सरकार बनने के बाद से ही राज्यपाल और सरकार के बीच टकराव शुरू हो गया था।
क्या है विवाद: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के आदर्श है। जबकि आज के युग के आदर्श और हीरों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जैसे नेता है। राज्यपाल के इस बयान को लेकर राजनीतिक दलों ने उनकी कड़ी आलोचना की। जबकि शिवसेना (उद्धव गुट) ने महाराष्ट्र बंद करने की चेतावनी दी है।