वैसे नाराजगी सिर्फ कांग्रेस विधायकों में ही नहीं है। महा विकास आघाडी सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना (Shivsena) के सबसे ज्यादा विधायक नाराज हैं। एनसीपी (NCP) में भी कई नेता मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण मुंह फुलाए हुए हैं। तीनों ही दलों में रूठे नेताओं को मनाने के प्रयास जारी हैं। कांग्रेस विधायक के समर्थकों ने तो पुणे में पार्टी के दफ्तर में तोडफ़ोड़ की थी। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रणीति शिंदे (Praneeti Shinde) को मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज सोलापुर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने पार्टी हाइकमान के खून से लिखी चिट्ठी भेजी है।
गोरंट्याल ने शनिवार को कहा, मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thorat) से मिलूंगा और पार्टी पदों से अपना इस्तीफा सौंपूंगा। जालना नगर पालिका परिषद, जिला परिषद के पार्टी सदस्य भी मेरे साथ अपना इस्तीफा सौंपेंग। गोरंट्याल ने दावा किया कि जालना की सभी तहसीलों में कांग्रेस पदाधिकारी पहले ही हट चुके है। उन्होंने कहा, पार्टी ने मुझे नजरअंदाज किया और मेरे साथ न्याय नहीं किया। गोरंट्याल ने विधानसभा चुनाव में शिवसेना के अर्जुन खोतकर को हराया था।