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‘महाराष्ट्र-कर्नाटक के विवादित क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करें’, विपक्ष की मांग पर फडणवीस का कटाक्ष

Devendra Fadnavis on MVA: देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र विधानसभा में आज मुख्यमंत्री सीमा विवाद पर एक प्रस्ताव पेश करेंगे। मुझे उम्मीद है कि वो बहुमत से पारित हो जाएगा।"

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 27, 2022

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देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना

Maharashtra Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद का मुद्दा आज राज्य विधानसभा में जोर-शोर से उठने के आसार है। दरअसल कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) मंगलवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करेंगे। आज सुबह इस संबंध में जानकारी देते हुए महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने उम्मीद जताई कि यह प्रस्ताव बहुमत से पारित हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी पर हमला बोला है।

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र विधानसभा में आज मुख्यमंत्री सीमा विवाद पर एक प्रस्ताव पेश करेंगे। मुझे उम्मीद है कि वो बहुमत से पारित हो जाएगा। महाविकास आघाडी (MVA) सरकार में सीएम रहे उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद सीमा विवाद शुरू नहीं हुआ है। यह भी पढ़े-एकनाथ शिंदे के खिलाफ ठाकरे गुट ने खोला मोर्चा, कथित भूमि घोटाले से जुड़े दस्तावेज केंद्र और जांच एजेंसियों को भेजा

दरअसल, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार से "विवादित क्षेत्रों" को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने का अनुरोध किया था. इस पर फडणवीस ने कहा, "मुझे आश्चर्य हुआ कि कल जो लोग बोले, उन्होंने सीएम के रूप में 2.5 साल तक कुछ नहीं किया। हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद सीमा विवाद शुरू नहीं हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य में पिछली सरकारें वर्षों से चले आ रहे सीमा विवाद के लिए एकनाथ शिदने सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। फडणवीस ने कहा "इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के गठन और प्रांतों के भाषा-वार गठन के साथ ही हुई थी। यह विवाद वर्षों से चल रहा है। तब से वर्षों तक जिनकी सरकारें रही हैं वे अब दिखा रहे हैं कि हमारी सरकार बनने के बाद सीमा विवाद शुरू हुआ। इस तरह, सीमा विवाद पर राजनीति कभी नहीं हुई। हम हर बार सरकार के साथ खड़े रहे क्योंकि सवाल मराठी भाषी लोगों का था।' वहीँ, विपक्ष के नेता अजित पवार ने प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की है।

इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने का आग्रह करते हुए उप-मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने इस मुद्दे पर कभी राजनीति नहीं की और हमें उम्मीद है कि कोई भी इस पर राजनीति नहीं करेगा। सीमावर्ती इलाकों के लोगों को यह महसूस करना चाहिए कि पूरा महाराष्ट्र उनके साथ है।"

इससे पहले सोमवार को राज्य विधान परिषद में उद्धव ठाकरे ने कहा, ''यह सिर्फ भाषा और सीमा का मामला नहीं है, बल्कि 'मानवता' का मामला है। जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है, तब तक कर्नाटक के कब्जे वाले महाराष्ट्र को केंद्र सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाना चाहिए।" उद्धव ने आगे कहा कि सीमावर्ती गांवों में रहने वाले मराठी लोगों के साथ 'अन्याय' हुआ है।