वहीं ओबीसी आरक्षण के मसले पर जमकर सियासी बयानबाजी का दौर शुरू है। विपक्ष ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा है कि सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भाजपा आलाकमान के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर बातचीत की बजाय दिल्ली यात्रा के दौरान ओबीसी आरक्षण और अन्य जरूरी मसलों को उठाएं। ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि हम समीक्षा याचिका दायर करेंगे।
फडणवीस का कहना है कि जब 34 जिला परिषदों, 226 नगर परिषदों, 27 नगर निगमों, 28,813 ग्राम पंचायतों और 351 पंचायत समितियों में ओबीसी आरक्षण की इजाजत दी गई है तो फिर कुछ स्थानीय निकायों के साथ भेदभाव कैसे किया जा सकता है। क्योंकि यह अन्याय होगा। इसलिए हम ओबीसी आरक्षण के बिना 92 नगरपालिका परिषदों में इलेक्शन की इजाजत नहीं दे सकते हैं।
गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कल कहा था कि राज्य चुनाव आयोग अगर इस निर्णय को नहीं मानता है तो यह अदालत की अवमानना होगी। इससे पहले पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आदेश दिया था कि महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव के लिए 14 दिन के भीतर नोटिफिकेशन जारी किया जाए।