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महाराष्ट्र सरकार को हाईकोर्ट की फटकार : बुवाई के बाद अंकुरित नहीं हुए घटिया सोयाबीन बीज

locationमुंबईPublished: Jul 11, 2020 01:32:11 pm

Submitted by:

Binod Pandey

कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आदेश, महाबीज सहित 23 कंपनियां शामिल, मामले की सुनवाई जस्टिस टीवी नलावडे और जस्टिस एसजे कुलकर्णी की पीठ के समक्ष हुई। बीते पांच साल के दौरान घटिया बीज से जुड़ी शिकायतों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी कोर्ट ने मांग की है। अदालत ने यह भी पूछा है कि लैब में घटिया बीज की जांच कराई गई या नहीं

महाराष्ट्र सरकार को हाईकोर्ट की फटकार : बुवाई के बाद अंकुरित नहीं हुए घटिया सोयाबीन बीज

महाराष्ट्र सरकार को हाईकोर्ट की फटकार : बुवाई के बाद अंकुरित नहीं हुए घटिया सोयाबीन बीज

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
औरंगाबाद. किसानों को सोयाबीन के घटिया बीज बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में लचर रुख अपनाने के लिए अदालत ने महाराष्ट्र सरकार और कृषि विभाग को लताड़ लगाई है। बांबे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने किसानों से कहा है कि बीज बिक्रेताओं और संबंधित कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी (आईपीसी की धारा 420) का मामला दर्ज कराएं।
अगली सुनवाई के दौरान कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (औरंगाबाद) को अदालत ने तलब किया है। कोर्ट में पेश नहीं होने पर संयुक्त कृषि निदेशक गिरफ्तार हो सकते हैं। स्वत: संज्ञान के तहत दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह बातें कहीं। मामले की सुनवाई जस्टिस टीवी नलावडे और जस्टिस एसजे कुलकर्णी की पीठ के समक्ष हुई। बीते पांच साल के दौरान घटिया बीज से जुड़ी शिकायतों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी कोर्ट ने मांग की है। अदालत ने यह भी पूछा है कि लैब में घटिया बीज की जांच कराई गई या नहीं।
विदित हो कि कृषि विभाग को मराठवाड़ा और विदर्भ के किसानों की ओर से सोयाबीन के घटिया बीज को लेकर 50 हजार से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। किसानों का कहना है बुवाई के बाद सोयाबीन के बीज खेतों में अंकुरित नहीं हुए। किसान नुकसान की भरपाई चाहते हैं। सरकारी नियंत्रण वाली महाबीज सीड कारपोरेशन सहित 23 कंपनियों के खिलाफ बीज अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मिली जानकारी अनुसार उक्त कंपनियां किसानों को सोयाबीन का नया बीज उपलब्ध करा रही हैं। बीज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किसान नुकसान भरपाई के हकदार हैं।
समय पर हुई बारिश, बीज ने दगा दिया
दो साल से खेती पर मौसमी मार पड़ रही है। सूखे और बाढ़ के कारण पिछले साल किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। इस साल जून में समय पर बारिश हुई। किसान खरीफ फसल की बुवाई में जुट गए। किसी ने पत्नी के आभूषण बेच कर तो किसी ने कर्ज लेकर सोयाबीन का बीज खरीदा। मजदूरों की उपलब्धता के चलते समय पर बुवाई भी कर दी गई। लेकिन, सोयाबीन के बीज अंकुरित नहीं हुए। यह देख किसान खुद को ठगा पा रहे हैं। अब, दोबारा सोयाबीन की बुवाई के लिए मजबूर हैं।
40 लाख हेक्टेयर में खेती
महाराष्ट्र में तकरीबन 40 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती होती है। इसमें से 35 प्रतिशत सोयाबीन की खेती अकेले मराठवाड़ा में होती है। कृषि विभाग को लातूर, बीड, उस्मानाबाद, परभणी और हिंगोली से घटिया बीज को लेकर 37 हजार शिकायतें मिली हैं। अकेले औरंगाबाद जिले के सात हजार किसानों ने नुकसान भरपाई की मांग की है। विदर्भ के अमरावती सहित अन्य जिलों से भी शिकायतें मिली हैं। एक हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की लागत औसतन 15 हजार रुपए आती है।
अफसरों के अपने तर्क
खेतों में बीज अंकुरित नहीं होने से जुड़ी शिकायतों पर अधिकारियों के अपने तर्क हैं। उनका कहना है कि इसके तीन कारण हो सकते हैं। पहला कारण घटिया बीज हो सकता है। दूसरी वजह नॉन-हायब्रिड (अपरिष्कृत) बीज का इस्तेमाल हो सकती है। तीसरा कारण यह हो सकता है कि किसानों ने घर का बीज ही इस्तेमाल किया हो। कंपनियां भी किसानों से ही सोयाबीन खरीदती हैं, जिसे परिष्कृत कर बीज के रूप में किसानों को बेचती हैं। परिष्कृत बीज अंकुरित होता है या नहीं, इसकी जांच कंपनियां करती हैं।
महाराष्ट्र सरकार को हाईकोर्ट की फटकार : बुवाई के बाद अंकुरित नहीं हुए घटिया सोयाबीन बीज
जांच-कार्रवाई का आदेश
कृषि राज्य मंत्री विश्वजीत कदम ने बताया कि हमने किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। नकली बीज उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश अधिकारियों को दिया गया है। बाजार में उपलब्ध बीज के सैंपल की लैब में जांच कराई जा रही है। अब तक 10 कंपनियों के बीज में गड़बड़ी पाई गई है। दोषी कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू है।
जांच कराए सरकार
सीड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र ने कहा कि मामले की जांच के लिए सरकार को समिति बनानी चाहिए। संगठन के अध्यक्ष अजीत मुले ने राज्य के कृषि आयुक्त को पत्र लिखा है। मुले का कहना है कि बिना जांच कराए पुलिस में मामला दर्ज करने से बीज कंपनियां राज्य से पलायन कर सकती हैं।
जांच-कार्रवाई का आदेश
कृषि राज्य मंत्री विश्वजीत कदम ने बताया कि हमने किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। नकली बीज उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश अधिकारियों को दिया गया है। बाजार में उपलब्ध बीज के सैंपल की लैब में जांच कराई जा रही है। अब तक 10 कंपनियों के बीज में गड़बड़ी पाई गई है। दोषी कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू है।
जांच कराए सरकार
सीड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र ने कहा कि मामले की जांच के लिए सरकार को समिति बनानी चाहिए। संगठन के अध्यक्ष अजीत मुले ने राज्य के कृषि आयुक्त को पत्र लिखा है। मुले का कहना है कि बिना जांच कराए पुलिस में मामला दर्ज करने से बीज कंपनियां राज्य से पलायन कर सकती हैं।
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