जानकारी के मुताबिक, आरंभ डोंगरे के गाल और जीभ पर गंभीर चोटें आईं। पांच घंटे की सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने उसके गाल और जीभ को पहले की स्थिती में किया।
चंद्रपुर जिले के भिसी गांव में रहने वाला डोंगरे परिवार गांव में ही रहने वाले एक दोस्त के जन्मदिन के मौके पर उसके यहां गया था। जन्मदिन का जश्न शुरू हुआ। मौज-मस्ती के साथ मोमबत्तियां (स्पार्कल कैंडल) जलाई गईं और केक काटा गया। फिर खानपान शुरु हुआ। इस दौरान बच्चे वहीँ खेल रहे थे, दस साल का आरंभ डोंगरे भी बुझी हुई स्पार्कल कैंडल से खेल रहा था।
तभी अचानक तेज आवाज के साथ धमाका हुआ। जिसके बाद वहां का पूरा माहौल ही बदल गया। खुशी का मौका दुख में तब्दील हो जाता है। आरंभ का दाहिना गाल और जीभ फट जाती है। उसे खून से लथपथ हालात में 50 किमी दूर ब्रह्मपुरी तालुक के एक निजी अस्पताल में ले जाया जाता है।
जहां पीड़ित बच्चे का प्लास्टिक सर्जन समेत तीन डॉक्टरों की टीम ने इलाज किया। पांच घंटे तक चली सर्जरी में आरंभ के गाल और जीभ को टांके लगाकर पहले जैसा किया गया। बताया जा रहा है कि स्पार्कल कैंडल में धमाका उसे जलाने के करीब दो घंटे बाद हुआ।