एक्सटर्नल और प्राइवेट छात्र फॉर्म नंबर 17 के माध्यम से परीक्षा के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। ये फॉर्म उन छात्रों के लिए भी काम का है, जिन्होंने आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक या व्यक्तिगत समस्याओं के चलते बीच में ही स्कूल छोड़ दिया है।
छात्रों से मांगे गए छह हजार रुपए: बता दें कि एक 17 साल के छात्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मैंने ऑनलाइन फॉर्म भरा था और एक साइबर कैफे में जाकर परीक्षा शुल्क जमा किया था। जब मैं वेरिफिकेशन प्रक्रिया के लिए अपने फॉर्म जमा करने के लिए एक जूनियर कॉलेज गया, तो मुझे छह हजार रुपये भरने के लिए कहा गया। मैं फीस नहीं भर सका और नाना पेठ के एक अन्य जूनियर कॉलेज में गया। वहां भी, उन्होंने 500 रुपये मांगे लेकिन कम से कम मुझे अपना परीक्षा का फॉर्म जमा करने का मौका तो मिला।
शिवाजीनगर की एक कार्यकर्ता प्रतीक्षा हवाला ने बताया कि कई छात्रों को स्कूलों या जूनियर कॉलेजों में अपने फॉर्म जमा करने की अनुमति नहीं थी। कई छात्र हैं, जो सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के चलते बीच में ही पढ़ाई छोड़ दिया था। ऐसी ही एक 17 साल की स्टूडेंट है, जो 10वीं क्लास में दोबारा शामिल हो रही है। कॉलेज ने सीटों उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर उसे परीक्षा का फॉर्म जमा करने की इजाजत नहीं दिया।
प्रतीक्षा ने आगे बताया कि स्टूडेंट्स को आलंदी में एक कॉलेज सेंटर में कोशिश करने को कहा गया। उसके पेरेंट्स ने उसे पढ़ाई छोड़ने के लिए कहा। ये बेहद ही दुखी करने वाला है कि जब हम ऐसे स्टूडेंट्स को शिक्षा से दोबारा जोड़ने का प्रयास करते हैं, तो इस प्रकार की परेशानियां हालात को और कठिन बना देते हैं।