महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) को राज्य सरकार द्वारा वेतन के लिए अब तक पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया है, इस वजह से अगले महीने एसटी कर्मचारियों का वेतन अटक सकता है। एमएसआरटीसी कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान कैसे करेगी? यह सवाल अब खुद एसटी कर्मचारियों के मन में उठने लगा है।
चूंकि एसटी निगम (एमएसआरटीसी) को अब तक महाराष्ट्र सरकार से 360 करोड़ रुपए की जगह केवल 100 करोड़ रुपए ही मिले हैं, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बाकी 200 करोड़ रुपए का इंतजाम इतने कम समय में कैसे होगा।
पैसे की कमी के चलते एसटी निगम ने पिछले दो माह से 90 हजार एसटी कर्मचारियों का पीएफ तक जमा नहीं किया है. बताया जा रहा है कि राज्यभर में एमएसआरटीसी की आय 450 करोड़ रुपये प्रति माह है, जबकि खर्च 650 करोड़ रुपये प्रति माह है। एमएसआरटीसी को हर महीने अपने कर्मचारियों को पगार देने के लिए 310 करोड़, बसों के डीजल के लिए 250 करोड़ और अन्य कामों के लिए 90 करोड़ रुपये की जरुरत होती हैं।
चूंकि एसटी निगम को अब सरकार से 360 करोड़ रुपये की जगह 100 करोड़ रुपये ही मिल रहे हैं, ऐसे में निगम के सामने सवाल खड़ा हो गया है कि वह बाकी 200 करोड़ रुपये का इंतजाम कहां से और कैसे करें।
एसटी कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कुछ महीनों पहले करीब पांच महीने तक हड़ताल किया था। यह हड़ताल एक ऐतिहासिक हड़ताल थी। तब तत्कालीन एमवीए सरकार (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन) द्वारा कुछ मांगों को स्वीकार करने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई थी। महाविकास अघाड़ी सरकार ने एमएसआरटीसी का सरकार में विलय करने की मांग को छोड़कर अन्य सभी मांगों पर सहमति जताते हुए एसटी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की थी, साथ ही निगम को वित्तीय सहायता देने की भी घोषणा की। लेकिन अब शिंदे सरकार के आने के बाद फिर से एसटी कर्मचारियों के सामने पुरानी समस्या उत्पन्न होती दिख रही है।